


राजस्थान पुलिस में उर्दू-फारसी शब्दों पर रोक, मंत्री बेढम ने दिए निर्देश
जयपुर। राजस्थान के मंत्री जवाहर सिंह बेढम ने शुक्रवार को पुलिस महानिदेशक (DGP) को एक पत्र लिखकर पुलिस विभाग में उर्दू और फारसी शब्दों को हिंदी समकक्ष शब्दों से बदलने का सुझाव दिया है। मंत्री बेढम ने कहा कि उर्दू और फारसी अब प्रतियोगी परीक्षाओं का हिस्सा नहीं हैं और इनका इस्तेमाल अब पुलिस विभाग की कार्यशैली में प्रासंगिक नहीं रह गया है।
बेढम ने पत्र में लिखा कि उर्दू और फारसी शब्दों का इस्तेमाल अब जनसाधारण के लिए समझ में नहीं आता और इससे पुलिस विभाग में भर्ती होने वाले नए कर्मचारियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा, “आजकल प्रतियोगिता परीक्षाओं में उर्दू को तीसरी भाषा के रूप में नहीं पढ़ाया जाता, जिससे पुलिस में भर्ती होने पर इन शब्दों को समझने में दिक्कत होती है।”
मंत्री ने बताया कि राजस्थान के कई जिलों में पुलिस अधिकारियों ने भी इस मुद्दे पर चिंता व्यक्त की है और पुलिस कार्य में इस्तेमाल होने वाली भाषा में बदलाव की आवश्यकता जताई है। बेढम ने यह प्रस्ताव रखा कि पुलिस विभाग एक नया ड्राफ्ट तैयार करे, जिसमें उर्दू और फारसी के बजाय सरल हिंदी शब्दों का इस्तेमाल किया जाए।
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इससे न केवल भाषा आम जनता के लिए सुलभ होगी, बल्कि नए भर्ती हुए पुलिसकर्मियों के लिए भी यह समझने में सरल होगा। मंत्री ने कहा, “नई तकनीक और बदलाव के साथ, उर्दू अब आम बोलचाल की भाषा से बाहर हो रही है, इसलिए हमें शब्दों को आसान और जनता के समझने योग्य बनाना चाहिए।”
राजस्थान पुलिस द्वारा इस बदलाव को लेकर जल्द ही एक मसौदा तैयार किया जाएगा, जिसे मुख्यमंत्री के पास पेश किया जाएगा।