


जयपुर:
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जल जीवन मिशन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में शुक्रवार को राजस्थान के पूर्व मंत्री महेश जोशी सहित पांच आरोपियों की लगभग 47.80 करोड़ रुपए की संपत्ति अटैच कर ली है। यह कार्रवाई धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत की गई है।
ईडी ने महेश जोशी के साथ ही पदमचंद जैन, महेश मित्तल, संजय बड़ाया, विशाल सक्सेना और उनके परिजनों व संबंधित फर्मों की संपत्तियों को अटैच किया है। इनमें जयपुर के विभिन्न क्षेत्रों में स्थित कृषि भूमि, आवासीय फ्लैट, मकान और अन्य अचल संपत्तियां शामिल हैं।
गिरफ्तारी और जमानत पर सुनवाई
ईडी ने 24 अप्रैल को महेश जोशी को गिरफ्तार किया था। इसके बाद शुक्रवार को जयपुर की मनी लॉन्ड्रिंग मामलों की विशेष अदालत में उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई हुई। कोर्ट ने जमानत याचिका को खारिज करते हुए कहा कि मामले के आरोप गंभीर हैं और जांच अभी लंबित है, ऐसे में जमानत देना न्यायोचित नहीं है।
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जोशी का पक्ष और ईडी की दलीलें
जोशी की ओर से अदालत में कहा गया कि उन्हें राजनीतिक रूप से फंसाया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि कुछ जलदाय विभाग के अभियंताओं ने ठेकेदारों से रिश्वत लेने की बात स्वीकार की है, फिर भी उन्हें आरोपी नहीं बनाया गया।
वहीं ईडी की ओर से अदालत में बताया गया कि कई ठेकेदारों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है और अभी भी मामले की जांच जारी है। ऐसे में किसी भी आरोपी को राहत देना जांच को प्रभावित कर सकता है।
निष्कर्ष:
इस घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों के चलते जांच एजेंसी लगातार कार्रवाई कर रही है। संपत्तियों की अटैचमेंट और कोर्ट का रुख यह दिखाता है कि जांच एजेंसियां इस मामले को गंभीरता से ले रही हैं।