


बीकानेर जिले के खाजूवाला थाना क्षेत्र में तंत्र-मंत्र के नाम पर करोड़ों रुपये की ठगी का मामला सामने आया है। पुलिस ने शुक्रवार रात जोधपुर निवासी रामस्वरूप और झारखंड निवासी मनोज को गिरफ्तार किया है, जबकि मुख्य आरोपी तांत्रिक एम. शिवा अब भी फरार है।
मामला तब उजागर हुआ जब खाजूवाला निवासी किसान गफ्फार ने पुलिस को बताया कि उसे 1 करोड़ रुपये को 33 करोड़ में बदलने का झांसा देकर उसके और अन्य लोगों के करोड़ों रुपये ठगे गए।
ठगी का तरीका
गफ्फार को पहले अजमेर निवासी शैतान सिंह और विक्रम सिंह ने संपर्क किया और उसे बताया कि कर्नाटक का एक तांत्रिक एम. शिवा तंत्र विद्या से धन बढ़ा सकता है। विश्वास दिलाने के लिए ठगों ने दो बार गफ्फार से पैसे लेकर डबल कर लौटाए — पहली बार ₹50,000 के बदले ₹1 लाख और फिर ₹1 लाख के बदले ₹2 लाख। इससे गफ्फार का विश्वास पक्का हो गया।
प्रसाद में मिलाई बेहोशी की दवा
12 जून की रात, तांत्रिक शिवा अपने साथियों के साथ गफ्फार के घर तंत्र क्रिया करने पहुंचा। रात दो बजे प्रसाद के रूप में हलवा परोसा गया, जिसमें बेहोशी की गोलियां मिलाई गईं। हलवा खाने के बाद गफ्फार समेत तांत्रिक के दो अन्य साथी मृत पाए गए।
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50 लाख तक की रकम दी गई थी
गफ्फार ने ही सरकारी अस्पताल के डॉक्टर पूनाराम और मेडिकल स्टोर संचालक राजेंद्र पूनिया से मिलाकर लगभग ₹50 लाख तांत्रिक को सौंपे थे। डॉक्टर पूनाराम ने अपने साले से ₹45 लाख जुटाए थे। पुलिस अब इस बात की जांच कर रही है कि पूनाराम ने पैसे तंत्र क्रिया के लिए दिए थे या किसी अन्य वजह से।

मुख्य आरोपी फरार, दो गिरफ्तार
जांच के दौरान पुलिस को सलमान नामक व्यक्ति का बयान मिला, जिसके आधार पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने रामस्वरूप और मनोज को मेड़ता रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया। दोनों आरोपियों ने बताया कि तांत्रिक शिवा उनके साथ नहीं था और भागने के लिए उसने अलग रास्ता चुना। पुलिस अब सीसीटीवी फुटेज की मदद से उसकी तलाश में जुटी है।
गैंग में कुल 6 सदस्य
सीओ अमरजीत सिंह के अनुसार गैंग में एम. शिवा, शैतान सिंह, विक्रम सिंह, रामस्वरूप, मनोज और एक स्थानीय व्यक्ति शामिल थे। इनमें से शैतान सिंह, विक्रम सिंह और गफ्फार की मौत हो चुकी है, जबकि दो आरोपी पकड़े जा चुके हैं।
पुलिस यह भी जांच कर रही है कि बेहोशी की दवा से तांत्रिक के दो साथियों की मौत कैसे हुई।