पीबीएम अस्पताल के 16 नंबर ओपीडी में शनिवार को पशुजन्य रोगों, खासकर ब्रुसेलोसिस और अन्य जूनोसिस बीमारियों से बचाव के लिए जागरूकता अभियान शुरू किया गया। यह अभियान प्राचार्य एवं नियंत्रक डॉ. गुंजन सोनी के मार्गदर्शन में संचालित हो रहा है। इस दौरान डॉ. पी.डी. तंवर, डॉ. विकास बेनीवाल और डॉ. दीप शिखर आचार्य ने मरीजों से बातचीत कर उन्हें इन रोगों से बचाव के उपाय समझाए।
यह पहल नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (NCDC), स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली के वन हेल्थ प्रोग्राम के तहत आयोजित की गई है। पीबीएम अस्पताल के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में पिछले दो वर्षों से वरिष्ठ आचार्य एवं नोडल अधिकारी डॉ. अंजली गुप्ता के नेतृत्व में एक सेंटिनल साइट स्थापित की गई है, जहां नियमित रूप से पशुजन्य रोगों की जांच जैसे एलिजा टेस्ट किए जाते हैं। इस सेंटिनल साइट के लिए भारत सरकार के साथ MoU भी किया गया है, जिसका हस्ताक्षर संस्थान के प्राचार्य डॉ. गुंजन सोनी ने किया।
जागरूकता अभियान के दौरान मरीजों को बताया गया कि ब्रुसेलोसिस जैसे पशुजन्य रोग पशुओं से मनुष्यों में फैल सकते हैं। इसलिए स्वच्छता बनाए रखना, पशुओं के साथ सुरक्षित संपर्क रखना और उचित जांच करवाना आवश्यक है। डॉ. तंवर ने कहा, “समय पर जांच और जागरूकता से इन रोगों को नियंत्रित किया जा सकता है।”
प्राचार्य डॉ. गुंजन सोनी ने इस अवसर पर कहा कि यह अभियान केवल मरीजों को शिक्षित करने तक सीमित नहीं है, बल्कि वन हेल्थ दृष्टिकोण को मजबूत कर मानव, पशु और पर्यावरण के स्वास्थ्य सुधार में भी सहायक साबित होगा।
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यह पहल राजस्थान में पशुजन्य रोगों की रोकथाम और नियंत्रण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।