


RBI ने बदले KYC के नियम: अब किराना दुकान पर भी कर सकेंगे अपडेट, 2026 से लागू
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने बैंकिंग ग्राहकों को राहत देते हुए ‘नो योर कस्टमर’ (KYC) प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। 12 जून 2025 को जारी दिशानिर्देशों के अनुसार, ये नए नियम 1 जनवरी 2026 से प्रभाव में आएंगे। इसका उद्देश्य ग्रामीण और दूरदराज़ इलाकों के ग्राहकों को KYC अपडेट में हो रही परेशानियों से राहत दिलाना है।
अब किराना दुकानों पर भी कर सकेंगे KYC
RBI ने बैंकों के बिजनेस कॉरेस्पॉन्डेंट्स (BCs) जैसे किराना दुकानदारों को KYC अपडेट की सुविधा देने की अनुमति दी है। ग्राहक अब पास की दुकान पर जाकर बायोमेट्रिक ई-KYC के माध्यम से सेल्फ डिक्लेरेशन जमा कर सकेंगे, खासकर जब उनके विवरण में कोई बदलाव नहीं हुआ हो या केवल पता बदला हो।
कम जोखिम वाले ग्राहकों को अधिक समय
लो-रिस्क श्रेणी में आने वाले बैंक ग्राहक अब 30 जून 2026 तक या KYC ड्यू डेट के एक वर्ष के भीतर, जो भी बाद में हो, अपडेट प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं। इस दौरान उनका खाता चालू रहेगा, लेकिन बैंक को नियमित निगरानी करनी होगी।
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डिजिटल और ऑफलाइन माध्यम से सुविधा
यदि ग्राहक की जानकारी में कोई बदलाव नहीं है या केवल पता बदला है, तो वे बिना किसी अतिरिक्त दस्तावेज के मोबाइल ऐप, नेट बैंकिंग या ऑफलाइन मोड में सेल्फ-डिक्लेरेशन जमा कर सकते हैं। इसके साथ ही OTP आधारित आधार ई-KYC और वीडियो के माध्यम से पहचान प्रक्रिया (V-CIP) को भी अनुमति दी गई है।
बैंक भेजेंगे कम से कम तीन रिमाइंडर
RBI ने निर्देश दिया है कि बैंक, KYC अपडेट से पहले और बाद में कम से कम तीन रिमाइंडर भेजें—इनमें से एक डाक द्वारा अनिवार्य होगा। इन सूचनाओं में प्रक्रिया की सरल जानकारी, सहायता संपर्क और KYC न कराने की स्थिति में संभावित प्रभाव का उल्लेख होगा। बैंकों को इन रिमाइंडरों का रिकॉर्ड भी रखना होगा।

ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष अभियान
जहां KYC अपडेट लंबित हैं, वहां बैंक शाखाओं में कैंप लगाने और विशेष जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए गए हैं। इससे ग्रामीण और अर्ध-शहरी इलाकों के लोगों को लाभ मिलेगा।
ग्राहकों को सीधा फायदा
सरकारी योजनाओं जैसे DBT और प्रधानमंत्री जनधन योजना (PMJDY) के लाभार्थियों को अब बार-बार बैंक जाने की आवश्यकता नहीं होगी। डिजिटल विकल्पों से समय और प्रयास की बचत होगी और दस्तावेजों की पुनःप्रस्तुति की अनिवार्यता कम हो जाएगी।
RBI का उद्देश्य
RBI के अनुसार, इस कदम से एक ओर मनी लॉन्ड्रिंग और धोखाधड़ी पर अंकुश लगेगा, वहीं दूसरी ओर ग्राहक अनुभव में सुधार होगा। KYC प्रक्रिया को सुगम, सुलभ और ग्राहकों के अनुकूल बनाना मुख्य लक्ष्य है।
विशेषज्ञों ने बताया समयानुकूल फैसला
बैंकिंग विशेषज्ञों का मानना है कि यह बदलाव न सिर्फ ग्राहकों, बल्कि बैंकों के लिए भी फायदेमंद है। एक बैंक अधिकारी ने कहा, “ग्रामीण क्षेत्रों में बिजनेस कॉरेस्पॉन्डेंट्स का उपयोग बैंकिंग पहुंच को मजबूत करेगा और फ्रॉड रोकने में मदद करेगा।”
नियम 1 जनवरी 2026 से लागू होंगे
बैंकों को कहा गया है कि वे इस नई प्रणाली के लिए अपने सॉफ्टवेयर व प्रक्रियाओं को समय रहते अपडेट करें और ग्राहकों को बदलाव की जानकारी समय पर दें।