


बीकानेर: मोहता चौक अतिक्रमण की गिरफ्त में, आमजन ने कलक्टर से की कार्रवाई की मांग
बीकानेर। शहर का ऐतिहासिक मोहता चौक जो कभी रौनक और आयोजनों का प्रमुख केंद्र हुआ करता था, अब अतिक्रमण की चपेट में आ चुका है। सड़क किनारे अवैध ठेले, दुकानों के आगे खोखे, टैक्सियों की अनियमित पार्किंग और बिजली चोरी जैसे मामलों ने चौक का स्वरूप बिगाड़ दिया है। इससे आमजन का आवागमन मुश्किल हो गया है और चौक की ऐतिहासिक पहचान भी धुंधली पड़ती जा रही है।
अब एम्बुलेंस भी नहीं निकल पाती
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि यदि किसी को मेडिकल इमरजेंसी हो जाए तो चौक से एम्बुलेंस का निकलना भी नामुमकिन हो जाता है। गलियों और मुख्य रास्तों पर अतिक्रमण इस कदर बढ़ चुका है कि वाहनों का निकलना दूभर हो गया है। इसके विरोध में मोहता चौक के जागरूक नागरिकों की एक समिति ने जिला कलक्टर, पुलिस अधीक्षक, नगर निगम और स्थानीय विधायक को शिकायत पत्र सौंपा है।
प्याऊ और पशु कुंड भी अतिक्रमण की भेंट चढ़े
शिकायत में उल्लेख किया गया है कि मोहता चौक में स्थित सार्वजनिक प्याऊ और गायों के लिए बने पानी कुंड तक लोगों की पहुंच नहीं रह गई है। प्याऊ के सामने दुकानें लग गई हैं और कुंडी के आसपास कचरा पात्र व अवैध टैक्सी स्टैंड बनने से पशु भी पानी नहीं पी पा रहे हैं। इसके अलावा, बिजली के तारों को अवैध रूप से खींचकर पानी की प्याऊ और सड़क लाइट से बिजली चोरी की जा रही है।
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शाम को चौक बनता है जाम का केंद्र
शाम के समय स्थिति और भी भयावह हो जाती है। पांच बजे के बाद ठेले, अस्थायी दुकानें और टैक्सी चालकों द्वारा मुख्य सड़क पर वाहन खड़े करने से पूरा मार्ग अवरुद्ध हो जाता है। राहगीरों और दुकानदारों के बीच विवाद भी आम हो गए हैं। समिति ने बताया कि टैक्सी चालकों से जब रास्ता साफ करने को कहा जाता है तो वे झगड़े पर उतर आते हैं।

टाउन वेंडिंग कमेटी ने लिया संज्ञान
अब टाउन वेंडिंग कमेटी बीकानेर ने अतिक्रमण हटाने का बीड़ा उठाया है। कमेटी का कहना है कि चौक में 20 फुट तक लोहे के खोखे लगाकर खाद्य सामग्री की दुकानें चलाई जा रही हैं, जिससे सड़क का अधिकांश हिस्सा जाम रहता है। कई फुटपाथ तक पर दुकानें बना ली गई हैं, जिससे पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है।
ज्ञापन पर सैकड़ों नागरिकों के हस्ताक्षर
जिला प्रशासन को सौंपे गए ज्ञापन पर मोहता चौक के सैकड़ों नागरिकों के हस्ताक्षर हैं। लोगों की एक ही मांग है—चौक से अतिक्रमण हटे और इसे फिर से पुराने स्वरूप में लौटाया जाए।
बिजली चोरी में भी सक्रिय
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, कई अवैध दुकानों के संचालक सार्वजनिक संसाधनों से अवैध बिजली लेकर व्यवसाय चला रहे हैं। कोई रोड लाइट से तार जोड़कर धंधा कर रहा है तो कोई प्याऊ से कनेक्शन ले रहा है। इससे सरकार को राजस्व नुकसान और आमजन को असुविधा हो रही है।
हाईकोर्ट के आदेश भी रह गए कागज़ों में
राजस्थान हाईकोर्ट ने बीकानेर के अंदरूनी शहर में अतिक्रमण हटाने के स्पष्ट निर्देश दिए थे, लेकिन अब तक इन पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। इससे अतिक्रमणकारियों के हौसले और बुलंद हो गए हैं।