


राजस्थान में बिजली संकट पर सियासी घमासान, गहलोत के तंज पर मंत्री नागर का पलटवार
राजस्थान में बढ़ती गर्मी के बीच बिजली कटौती को लेकर सियासत गरमा गई है। रविवार को पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य की भाजपा सरकार पर बिजली संकट को लेकर तीखा हमला बोला। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर बिजली आपूर्ति की स्थिति पर सवाल उठाते हुए भाजपा सरकार की कार्यप्रणाली की आलोचना की।
गहलोत का तंज:
अशोक गहलोत ने पोस्ट करते हुए लिखा,
“तुम्हारी फाइलों में गांव का मौसम गुलाबी है, मगर ये आंकड़े झूठे हैं… ये दावा किताबी है।”
उन्होंने आगे कहा कि सरकार ने दावा किया था कि राजस्थान अब ‘बिजली सरप्लस राज्य’ बन चुका है, लेकिन गर्मी बढ़ते ही हालात बेकाबू हो गए। राज्य में बिजली वितरण व्यवस्था चरमरा गई है और आमजन लगातार बिजली कटौती से परेशान है।
हीरालाल नागर का जवाब:
इस आरोप पर पलटवार करते हुए ऊर्जा राज्य मंत्री हीरालाल नागर ने गहलोत के बयान को “झूठा और जनता को भ्रमित करने वाला” करार दिया। नागर ने कहा कि,
“प्रदेश में कहीं भी बिजली की नियमित कटौती नहीं हो रही है। गहलोत के पास अब कोई मुद्दा नहीं बचा, इसलिए वह आधारहीन बातें कर रहे हैं।”
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उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि गहलोत सरकार के समय बिजली क्षेत्र में कुप्रबंधन हुआ, जिसके कारण पिछली गर्मियों में राज्य सरकार को हर दिन करीब 1000 मेगावाट बिजली खरीदकर वापस लौटानी पड़ी।
मंत्री ने दी भविष्य की योजना की जानकारी:
हीरालाल नागर ने बताया कि वर्तमान सरकार बढ़ती बिजली की मांग को ध्यान में रखकर काम कर रही है।
“राज्य में प्रगति हो रही है, उद्योग और घरेलू मांग दोनों में बढ़ोतरी हो रही है। सरकार इस मांग को पूरा करने के लिए पुख्ता योजना के तहत बिजली ढांचे को मजबूत कर रही है।”
जनता की परेशानी या राजनीति का मुद्दा?
इस पूरे घटनाक्रम के बाद यह स्पष्ट है कि राजस्थान में बिजली आपूर्ति को लेकर आमजन में असंतोष की स्थिति है। जहां एक ओर विपक्ष इसे सरकार की विफलता बता रहा है, वहीं सरकार इसे विकास से उपजी नई मांग के रूप में देख रही है।