


बीकानेर। समाज को झकझोर देने वाले एक दुष्कर्म मामले में बीकानेर की पॉक्सो अदालत ने कठोर फैसला सुनाया है। दो साल पहले 5 वर्षीय मासूम बच्ची से दुष्कर्म करने वाले आरोपी को अदालत ने 20 साल कठोर कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही, कोर्ट ने उस पर 1.5 लाख रुपये का आर्थिक दंड भी लगाया है, जो पीड़िता को क्षतिपूर्ति के रूप में दिया जाएगा।
घटना का विवरण
यह दर्दनाक घटना बीकानेर में दो वर्ष पूर्व घटित हुई थी। घटना के समय पीड़िता के माता-पिता घर से बाहर गए हुए थे। लौटने पर उन्होंने बच्ची को घर में नहीं पाया। खोजबीन करने पर बच्ची पड़ोसी के घर में बदहवास स्थिति में मिली। माँ ने तत्काल उसे वहां से बाहर निकाला और परिजनों ने तत्काल पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई
मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्कालीन पुलिस अधीक्षक तेजस्वनी गौतम ने जांच का जिम्मा नोखा के सीओ हिमांशु शर्मा को सौंपा। केस ऑफिसर धीरेंद्र सिंह शेखावत की देखरेख में मुक्ता प्रसाद नगर थाना पुलिस ने तेजी से काम किया और 48 घंटे के भीतर चालान अदालत में पेश कर दिया। जांच के दौरान आरोपी के खिलाफ पर्याप्त सबूत एकत्र किए गए और गवाहों के बयान केस को मज़बूती देते रहे।
अदालत में सुनवाई और फैसला
पॉक्सो कोर्ट में पीड़िता की ओर से वकील वसीम मकसूद ने पैरवी की, जबकि राज्य सरकार की ओर से विशिष्ट लोक अभियोजक चतुर्भुज सारस्वत ने पक्ष रखा। कोर्ट ने दोष सिद्ध होने पर आरोपी को पॉक्सो अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत सजा सुनाई।
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रेप और पॉक्सो की धाराओं में: 20-20 साल की सजा
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अन्य धाराओं में: 3 और 5 साल की अतिरिक्त सजाएं
हालांकि, सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी, इसलिए आरोपी को कुल 20 साल जेल में रहना होगा।
सामाजिक संदेश
यह फैसला समाज को यह संदेश देता है कि मासूमों के साथ किसी भी प्रकार की हिंसा पर सख्त कानून और त्वरित न्याय प्रणाली से सख्त कार्रवाई की जाएगी। समाज को सजग, सतर्क और संगठित रहकर ऐसे मामलों की रिपोर्टिंग में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए ताकि कोई अपराधी बच न सके और हर बच्चा सुरक्षित रह सके।