


आरजीएचएस योजना में अनियमितताएं: प्रदेशभर के 119 हॉस्पिटल और फार्मेसी पर कार्रवाई, बीकानेर के दो मेडिकल स्टोर भी बाहर
राजस्थान सरकार की राज्य कर्मचारी स्वास्थ्य बीमा योजना (RGHS) में सामने आई अनियमितताओं के चलते राज्यभर के 119 निजी हॉस्पिटल और फार्मेसी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई है। इनमें बीकानेर के दो फार्मेसी स्टोर भी शामिल हैं, जिन्हें योजना से अस्थायी रूप से बाहर कर दिया गया है। इन संस्थानों की RGHS पोर्टल पर लॉगिन आईडी फिलहाल ब्लॉक कर दी गई है।
वित्त विभाग के प्रमुख सचिव नवीन जैन ने बताया कि की गई जांच में इन हॉस्पिटल और फार्मेसी स्टोर द्वारा कई तरह की खामियां पाई गईं — जिनमें गलत बिलिंग, मरीजों को अनुचित सेवाएं देना, दस्तावेजों में गड़बड़ी और सेवाओं के नाम पर अधिक भुगतान जैसी गंभीर बातें शामिल हैं।
सार्वजनिक की गई ब्लैकलिस्टेड संस्थानों की सूची
सरकार द्वारा इन सभी प्रतिबंधित हॉस्पिटल और मेडिकल स्टोर्स की सूची सार्वजनिक कर दी गई है, ताकि योजना से लाभान्वित होने वाले लाभार्थी सतर्क रहें। यह पहली बार है जब RGHS योजना के अंतर्गत इतनी बड़ी संख्या में संस्थानों पर एक साथ कार्रवाई की गई है।
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सुनवाई के बाद हो सकती है स्थायी कार्रवाई
प्रमुख सचिव ने स्पष्ट किया कि इन संस्थानों को जवाब देने का अवसर दिया जाएगा। यदि वे संतोषजनक उत्तर नहीं दे पाए, तो न केवल पेनल्टी लगाई जाएगी, बल्कि उन्हें स्थायी रूप से योजना से बाहर किया जा सकता है। यह भी बताया गया कि वर्तमान में योजना से जुड़े अन्य हॉस्पिटल और फार्मेसी की भी गहन जांच जारी है, और आगे और नाम इस सूची में जुड़ सकते हैं।

बीकानेर में भी मिली अनियमितताएं
बीकानेर जिले में दो फार्मेसी को आरजीएचएस योजना से अस्थायी रूप से बाहर किया गया है। इनके खिलाफ भी जांच के दौरान गंभीर खामियां सामने आईं। हालांकि इनके नाम अभी सार्वजनिक नहीं किए गए हैं, लेकिन विभागीय सूत्रों के अनुसार यह कार्रवाई ठोस साक्ष्यों के आधार पर की गई है।
राज्य सरकार की सख्ती का संकेत
इस कार्रवाई से स्पष्ट है कि राज्य सरकार आरजीएचएस योजना की पारदर्शिता और विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए सख्त रुख अपनाए हुए है। सरकार का उद्देश्य है कि राज्य के कर्मचारियों और पेंशनर्स को चिकित्सा सेवाओं में किसी भी तरह की धोखाधड़ी या शोषण का सामना न करना पड़े।
निष्कर्ष
RGHS योजना में यह कार्रवाई एक बड़े सुधारात्मक कदम के रूप में देखी जा रही है। यदि जांच और कठोर होती है, तो आने वाले समय में और भी संस्थानों पर गाज गिर सकती है। साथ ही यह चेतावनी भी है कि जो भी हॉस्पिटल या फार्मेसी योजना के नियमों का उल्लंघन करेंगे, उनके खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।