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Khabar21 > Blog > राजनीति > बिहार चुनाव: ऑपरेशन सिंदूर बनाम आरक्षण, नीतीश दबाव में, पीके की अग्निपरीक्षा
राजनीति

बिहार चुनाव: ऑपरेशन सिंदूर बनाम आरक्षण, नीतीश दबाव में, पीके की अग्निपरीक्षा

editor
editor Published June 3, 2025
Last updated: 2025/06/03 at 11:21 AM
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बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियां तेज़ हो गई हैं और इस बार का चुनाव कई मायनों में बेहद खास और चुनौतीपूर्ण होने जा रहा है। एक ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को राष्ट्रीय गौरव के रूप में प्रस्तुत कर रहे हैं, वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी आरक्षण और जातिगत जनगणना को चुनावी एजेंडे के केंद्र में ला रहे हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दबाव में हैं, जबकि चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर पहली बार नेता के रूप में मैदान में उतरकर समीकरण बदलने की कोशिश में जुटे हैं।

ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहला चुनाव
पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में किए गए सैन्य ऑपरेशन ‘सिंदूर’ के बाद बिहार देश का पहला राज्य होगा, जहां चुनाव होंगे। भाजपा इस ऑपरेशन को एक राष्ट्रीय उपलब्धि के तौर पर प्रस्तुत कर रही है और इसका श्रेय प्रधानमंत्री मोदी को देकर ‘देशभक्ति’ का नैरेटिव बना रही है। माना जा रहा है कि यह मुद्दा चुनाव में भाजपा का प्रमुख हथियार बनेगा। हालांकि, विपक्षी दलों कांग्रेस और राजद ने इसे चुनावी मुद्दा बनाना गलत ठहराया है।

मोदी की आक्रामक चुनावी शैली
पिछले महीने प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार में दो बड़ी जनसभाएं कीं। उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई, विकास और सुरक्षा जैसे मुद्दों को उठाकर एनडीए को मजबूत करने का प्रयास किया। भाजपा का फोकस ‘मजबूत नेतृत्व’ और ‘राष्ट्रवाद’ पर है।

राहुल गांधी और आरक्षण कार्ड
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बिहार में ‘न्याय संवाद’ जैसे अभियानों के माध्यम से अपनी उपस्थिति मजबूत की है। उन्होंने जातिगत जनगणना और 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण को प्रमुख मुद्दा बनाया है। उनका कहना है कि सामाजिक न्याय के बिना समावेशी विकास संभव नहीं है।

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नीतीश कुमार की चुनौती
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए यह चुनाव खुद के दबदबे को साबित करने की चुनौती बन गया है। 20 वर्षों से सत्ता में रहने के बावजूद उनकी सेहत और भविष्य को लेकर सवाल उठ रहे हैं। जेडीयू में अब उनके बेटे निशांत कुमार को आगे लाने की तैयारी भी शुरू हो गई है, जिसका संकेत कई होर्डिंग्स और पोस्टरों में दिख रहा है।

गठबंधनों में सीटों को लेकर खींचतान
243 सीटों वाले बिहार में सीटों का बंटवारा दोनों गठबंधनों के लिए मुश्किल होता जा रहा है।

  • एनडीए में भाजपा, जदयू, एलजेपी (रामविलास), हम (सेकुलर), राष्ट्रीय लोक मोर्चा जैसे दल हैं।

  • इंडिया ब्लॉक में कांग्रेस, राजद, वामदल और वीआईपी जैसे दल शामिल हैं।

कांग्रेस इस बार ज्यादा सीटों पर लड़ने की मांग कर रही है, जिससे गठबंधन में तनातनी बढ़ी है। दोनों पक्षों में मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर भी असमंजस बना हुआ है।

प्रशांत किशोर की अग्निपरीक्षा
चुनावी रणनीतिकार के तौर पर भाजपा, टीएमसी, आप और कांग्रेस को सफलता दिला चुके प्रशांत किशोर (पीके) अब खुद जनसुराज पार्टी के जरिए चुनाव मैदान में उतर रहे हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या वह जातिगत समीकरणों और गठबंधन की राजनीति के बीच खुद के लिए एक सशक्त रणनीति बना पाते हैं या नहीं।

बिहार का यह चुनाव केवल सत्ता की नहीं, बल्कि रणनीति, सामाजिक न्याय और नेतृत्व के प्रभाव की भी परीक्षा होगा।


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editor June 3, 2025
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