


राजस्थान में फ्री स्मार्ट मीटर लगाने की योजना पर सियासत तेज़, खाचरियावास का आरोप
राजस्थान सरकार राज्य के लगभग 1.43 करोड़ बिजली उपभोक्ताओं के लिए स्मार्ट मीटर फ्री में लगाने की योजना पर काम कर रही है। इस घोषणा के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने राज्य की भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
पूर्व मंत्री ने सवाल उठाया कि जब वर्तमान में लगे इलेक्ट्रॉनिक मीटर खराब नहीं हैं, तो फिर स्मार्ट मीटर फ्री में क्यों लगाए जा रहे हैं? उन्होंने कहा कि इस योजना की आड़ में बड़ा ‘स्मार्ट भ्रष्टाचार’ हो सकता है।
भाजपा सरकार से सवाल
खाचरियावास ने पूछा कि सरकार के इस कदम के पीछे असली मकसद क्या है? उन्होंने दावा किया कि नए मीटरों की खरीद में घोटाले की आशंका है और पारदर्शिता पर सवाल उठ रहे हैं।
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सरकार की योजना क्या है?
सरकार का कहना है कि यह योजना उपभोक्ताओं को बेहतर सेवाएं और सस्ती बिजली देने के उद्देश्य से लाई जा रही है। घरेलू, कृषि और व्यावसायिक सभी श्रेणियों के उपभोक्ताओं के लिए स्मार्ट मीटर लगवाना अनिवार्य होगा।

स्मार्ट मीटरों को ‘बिजली मित्र’ मोबाइल ऐप से जोड़ा जाएगा, जिससे उपभोक्ता अपनी बिजली खपत को वास्तविक समय में देख सकेंगे। इसके अलावा, यदि उपभोक्ता प्रीपेड सुविधा चुनते हैं – यानी पहले भुगतान और फिर बिजली – तो उन्हें प्रति यूनिट 15 पैसे की छूट दी जाएगी।
शिकायत की सुविधा भी उपलब्ध
यदि कोई व्यक्ति मीटर लगाने के बदले पैसे की मांग करता है तो उपभोक्ता टोल फ्री नंबर 1912 या 18001806507 पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
यह योजना जहां उपभोक्ताओं के लिए राहत की बात कही जा रही है, वहीं विपक्ष इस पर पारदर्शिता और उद्देश्य को लेकर गंभीर सवाल उठा रहा है।