


बीकानेर, 2 जून 2025: बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय के तृतीय दीक्षांत समारोह में राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने कहा कि किसी भी राष्ट्र की सच्ची ताकत उसकी शिक्षा व्यवस्था में निहित होती है। उन्होंने विद्यार्थियों को आह्वान किया कि वे तकनीकी दक्षता के साथ-साथ उच्च नैतिक मूल्यों को भी आत्मसात करें।
राज्यपाल ने कहा कि कमजोर शिक्षा व्यवस्था किसी देश को चारित्रिक रूप से खोखला बना देती है। उन्होंने शिक्षण संस्थानों से अपेक्षा जताई कि वे समाज के लिए ऐसे तकनीकी विशेषज्ञ तैयार करें जो विकास और राष्ट्र निर्माण में सार्थक भूमिका निभा सकें। राज्यपाल ने युवाओं में नशे की बढ़ती प्रवृत्ति पर चिंता जताई और इसे दूर करने में तकनीकी शिक्षा को एक माध्यम बताया।
इस अवसर पर राज्यपाल बागडे ने 27 मेधावी विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक प्रदान किए और कुल 4080 विद्यार्थियों को डिग्रियां दी गईं। विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. अखिल रंजन गर्ग ने स्वागत भाषण दिया और कुल सचिव रचना भाटिया ने आभार प्रकट किया। समारोह में बीकानेर के जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों की उपस्थिति रही।
विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा कि दीक्षांत समारोह केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि युवाओं के लिए एक नई जिम्मेदारी की शुरुआत है। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि वे स्टार्टअप और मेक इन इंडिया जैसे प्लेटफार्म का लाभ उठाएं और समाज की समस्याओं को हल करने वाले बनें, न कि केवल नौकरी चाहने वाले।
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केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने अपने संबोधन में कहा कि देश की प्रगति तकनीकी विकास से जुड़ी है, लेकिन तकनीक तभी सार्थक होती है जब उसके साथ चरित्र निर्माण भी जुड़ा हो। उन्होंने कहा कि शिक्षा केवल ज्ञान नहीं, संस्कार और आचरण भी सिखाए।
उपमुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा ने कहा कि युवा केवल डिग्री तक सीमित न रहें, बल्कि समाज के लिए नवाचार करें। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसे भविष्य उन्मुख पाठ्यक्रमों की शुरुआत की है। बैरवा ने विद्यार्थियों से कहा कि आज देश को नौकरी चाहने वालों से ज्यादा, नौकरी देने वालों की जरूरत है।
इस दीक्षांत समारोह में शिक्षा, तकनीक, राष्ट्र निर्माण और नैतिक मूल्यों का समागम देखने को मिला, जो आने वाले वर्षों में बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय को नई ऊंचाइयों तक ले जाने का संकेत है।