


राजस्थान में शिक्षा विभाग की बड़ी तैयारी, जल्द होगी 20 हजार पदों पर भर्ती
प्रदेश की भजनलाल सरकार शिक्षा विभाग में वर्षों से खाली चल रहे पदों को भरने की दिशा में बड़ा कदम उठाने जा रही है। इसके तहत न केवल शिक्षकों की विभागीय पदोन्नति समिति (DPC) की लंबित प्रक्रियाओं को पूरा किया जाएगा, बल्कि 20 हजार से अधिक नई भर्तियों की भी योजना बनाई जा रही है। यह पूरी प्रक्रिया अगले दो वर्षों में पूरी की जाएगी ताकि 2027 तक शिक्षक की कमी का स्थायी समाधान हो सके।
DPC लंबित, कोर्ट केस हटाकर प्रक्रिया तेज होगी
शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव कृष्ण कुणाल के अनुसार, विभाग में ग्रेड थर्ड से वरिष्ठ अध्यापक पदों के लिए DPC प्रक्रिया लम्बे समय से अटकी हुई है। इसे कोर्ट से वापस लेकर प्रक्रिया को शुरू किया जाएगा। इससे लगभग 20 हजार पदों पर पदोन्नति संभव हो पाएगी।
50% एडवांस पदों को जोड़ा जाएगा
कृष्ण कुणाल ने बताया कि मुख्यमंत्री ने 2027 तक खाली होने वाले पदों को ध्यान में रखते हुए प्रस्तावित भर्तियों में 50 प्रतिशत अतिरिक्त पद जोड़ने की अनुमति दी है। इसका सीधा असर ग्रेड थर्ड शिक्षक की भर्तियों पर पड़ेगा, जिससे पहले से ही पर्याप्त पद तैयार हो जाएंगे।
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नई शिक्षा नीति के अनुरूप स्टाफिंग पैटर्न
शिक्षा विभाग 2014 के बाद पहली बार स्टाफिंग पैटर्न में बड़ा बदलाव कर रहा है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप नए कैडर बनाए गए हैं और उसी आधार पर नई वैकेंसी तैयार की जा रही है।

RPSC की सीमित भर्तियों पर उठे सवाल
वरिष्ठ अध्यापक के लिए 1 लाख 9 हजार 542 स्वीकृत पदों में से 37 हजार 249 पद अभी भी खाली हैं, लेकिन राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) द्वारा केवल 2,129 पदों पर ही भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई है। इसी तरह, स्कूल व्याख्याताओं के 57 हजार 194 पदों में से 18 हजार 651 पद रिक्त हैं, लेकिन सिर्फ 2,202 पदों पर ही भर्तियां प्रस्तावित हैं। इस सीमित भर्ती पर शिक्षक संगठनों ने भी नाराजगी जताई है और ज्यादा पदों पर भर्ती की मांग की है।
सरकार की प्राथमिकता में शिक्षक भर्ती
शिक्षा सचिव ने स्पष्ट किया कि विभाग की प्राथमिकता जल्द से जल्द खाली पदों को भरने की है। सरकार की मंशा है कि अगले दो साल में शिक्षकों की कमी की समस्या को पूरी तरह खत्म किया जाए, ताकि शिक्षा की गुणवत्ता पर कोई असर न पड़े।
यह पहल राजस्थान में शिक्षा व्यवस्था को सशक्त करने और युवाओं को रोजगार देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।