


पत्रकार बनकर पाक अफसर ने CRPF ASI से करवाई जासूसी, हर महीने देता था पैसा
जम्मू-कश्मीर में हुए हालिया आतंकी हमले के बाद सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं। इसी दौरान खुलासा हुआ कि केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) का एक सहायक उप निरीक्षक (ASI) बीते दो वर्षों से पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी को संवेदनशील जानकारी लीक कर रहा था। चौंकाने वाली बात यह है कि पाकिस्तानी अधिकारी टीवी पत्रकार बनकर उससे संपर्क करते थे और बदले में उसे हर माह पैसे देते थे।
दो साल से देता था खुफिया जानकारी
गिरफ्तार किए गए ASI की पहचान मोती राम जाट के रूप में हुई है। वह पहले जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में तैनात था और हाल ही में दिल्ली ट्रांसफर हुआ था। जांच में सामने आया कि उसने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी के एजेंटों को भारत की सुरक्षा से जुड़ी कई गोपनीय जानकारियां साझा कीं। इसमें केंद्रीय गृह मंत्री की यात्रा, CRPF की तैनाती और मूवमेंट, संदिग्ध आतंकी गतिविधियां और संवेदनशील स्थलों के बारे में सूचनाएं शामिल थीं।
महिला पत्रकार बनकर की गई थी शुरुआत
सूत्रों के मुताबिक, सबसे पहले एक महिला ने जाट से संपर्क किया जो खुद को चंडीगढ़ के एक प्रसिद्ध टीवी चैनल की रिपोर्टर बता रही थी। उसने मैसेज, कॉल और वीडियो कॉल के जरिए जाट से जानकारियां लेनी शुरू कीं। कुछ महीनों बाद एक पुरुष एजेंट ने उसी टीवी चैनल के रिपोर्टर के रूप में उससे संपर्क किया, जो असल में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी का अधिकारी था।
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हर जानकारी के मिलते थे पैसे
मोती राम जाट को हर महीने की चौथी तारीख को 3,500 रुपये मिलते थे। वहीं, अगर वह कोई विशेष या अधिक संवेदनशील जानकारी भेजता, तो उसके बदले 12,000 रुपये अतिरिक्त मिलते थे। ये राशि उसके और उसकी पत्नी के बैंक खातों में ट्रांसफर की जाती थी।
कभी नहीं डिलीट किए मैसेज
जांच के दौरान पता चला कि जाट ने अपने फोन से कोई मैसेज डिलीट नहीं किया था। उसकी चैट में सुरक्षा बलों की तैनाती, MAC (मल्टी-एजेंसी सेंटर) की रिपोर्ट्स, आतंकियों की गतिविधियों और आतंकी हमलों से जुड़ी जानकारियां मिलीं। जाट ने कुछ समाचार क्लिपिंग्स भी भेजी थीं, लेकिन दूसरी ओर से उसे चेतावनी दी गई कि सार्वजनिक जानकारी न भेजे।

पहलगाम हमले से पहले ट्रांसफर और गिरफ्तारी
22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकी हमला हुआ था और जाट को ठीक पांच दिन पहले दिल्ली भेजा गया था। उसके खिलाफ कई हफ्तों से निगरानी चल रही थी। दिल्ली में रहने के दौरान भी उसने अमित शाह की यात्रा और अन्य निर्णयों की जानकारी पाक एजेंटों से साझा की।
एनआईए ने की गिरफ्तारी, कोर्ट ने भेजा हिरासत में
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने इस हफ्ते की शुरुआत में जाट को दिल्ली से गिरफ्तार किया। पटियाला हाउस कोर्ट ने उसे 6 जून तक हिरासत में भेज दिया है। एजेंसी के प्रवक्ता ने पुष्टि की कि वह 2023 से सक्रिय रूप से जासूसी कर रहा था और पैसे लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी जानकारी साझा कर रहा था।
CRPF ने सेवा से बर्खास्त किया
CRPF प्रवक्ता के अनुसार, जाट को तुरंत सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। सुरक्षा एजेंसियों और बल के समन्वय से उसकी सोशल मीडिया और डिजिटल गतिविधियों की जांच में नियम उल्लंघन के प्रमाण मिले।
निष्कर्ष
इस घटना ने एक बार फिर देश की आंतरिक सुरक्षा में छिपे खतरे को उजागर किया है। जिस प्रकार दुश्मन एजेंसियां पत्रकार की आड़ में सैन्य कर्मियों को फंसा रही हैं, यह एक बड़ी चेतावनी है कि तकनीकी सतर्कता और साइबर निगरानी को और अधिक मजबूत किए जाने की आवश्यकता है।