


दिल्ली का कबाड़ी व्यापारी पत्नी से मिलने पाकिस्तान जाता था, ATS ने जासूसी के आरोप में किया गिरफ्तार
दिल्ली के एक कबाड़ी कारोबारी हारून को यूपी एटीएस (ATS) ने जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया है। आरोप है कि हारून का संपर्क पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों से था और वह भारत की सुरक्षा से जुड़ी जानकारियां लीक कर रहा था। वहीं परिवार का दावा है कि हारून निर्दोष है और वह केवल अपनी पत्नी से मिलने पाकिस्तान जाता था।
ATS का दावा: पाकिस्तान उच्चायोग के अधिकारी से था संपर्क
यूपी ATS के अनुसार, हारून पाकिस्तान उच्चायोग के एक अधिकारी के संपर्क में था, जिसके माध्यम से उसके बैंक खाते में पैसे ट्रांसफर किए जाते थे। ATS ने कहा कि हारून उन लोगों को पाकिस्तान भेजने में मदद करता था जो वीज़ा लेना चाहते थे, और इसके बदले उसे कमीशन मिलता था। इस रकम का इस्तेमाल कथित तौर पर देशविरोधी गतिविधियों को फंड करने में किया गया।
परिवार की प्रतिक्रिया: जानबूझकर फंसाया गया है
हारून के भाई वसीम ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया। उन्होंने बताया, “हम चार भाई हैं और हारून सबसे कमजोर आर्थिक स्थिति में था। वह हमारे घर के नीचे कबाड़ की दुकान चलाता था। अगर वह वीज़ा बेचकर पैसा कमा रहा होता, तो क्या आज भी किराये के घर में रहता?”
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वसीम ने कहा कि बुधवार को कुछ लोग सादी वर्दी में आए और पूछताछ के बहाने हारून को ले गए। फोन छीनने के बाद उसे अपने साथ ले जाया गया। रात में परिवार को बताया गया कि हारून नोएडा में ATS की हिरासत में है।

“मैं निर्दोष हूं…” – हिरासत में हारून का दावा
वसीम के अनुसार, अगली सुबह एटीएस की ओर से फोन आया और परिवार को लखनऊ बुलाया गया। वहां मिलने गए रिश्तेदारों को हारून ने बताया कि वह निर्दोष है और उसे फंसाया जा रहा है।
कानूनी धाराएं और गंभीर आरोप
वकीलों ने परिवार को बताया कि हारून पर भारतीय दंड संहिता (BNS) की धारा 148 (भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने या साजिश करने) और धारा 152 (संप्रभुता को खतरे में डालने वाले कार्य) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
पाकिस्तान में दूसरी शादी का खुलासा
हारून ने 2007 में दिल्ली की एक महिला से शादी की थी जिससे उसके तीन बच्चे हैं। लेकिन कोविड लॉकडाउन के दौरान वह पाकिस्तान गया और वहां अपनी चचेरी बहन से शादी कर ली। वसीम ने बताया, “वो उसे दिल्ली लाना चाहता था लेकिन सफल नहीं हो पाया। वह सिर्फ उसके परिवार की मदद करना चाहता था।”
निष्कर्ष
हारून के परिवार का कहना है कि पाकिस्तान यात्रा का मकसद केवल पत्नी से मिलना था, जबकि ATS उसे एक बड़े जासूसी नेटवर्क का हिस्सा मान रही है। अब यह मामला अदालत के सामने है, जहां हारून की बेगुनाही या दोष साबित होना बाकी है।