


राजस्थान सरकार ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय गरीबी मुक्त गांव योजना के तहत प्रदेश के 41 जिलों में गरीबी उन्मूलन अभियान शुरू किया है। इस अभियान के तहत करौली जिले के 122 गांवों को शामिल किया गया है। योजना का मुख्य उद्देश्य बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) परिवारों को आर्थिक, सामाजिक और शैक्षिक रूप से सशक्त बनाना है, ताकि वे गरीबी से बाहर निकलकर अपना विकास कर सकें।
इसके तहत राज्य सरकार ने 300 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया है, और हर बीपीएल परिवार को 1 लाख रुपये की सहायता प्रदान की जाएगी। इस राशि का उपयोग परिवारों को स्वरोजगार शुरू करने, छोटे व्यवसाय स्थापित करने और सामान्य जीवनयापन के लिए किया जाएगा।
योजना के पहले चरण में राज्य के 5,000 गांवों को शामिल किया गया है, जिनमें से 122 गांव करौली जिले के हैं। इन गांवों में बच्चों के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता, आवास और रोजगार के अवसरों को बेहतर बनाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। खासकर, पांच से 14 साल के बच्चों का स्कूल में नामांकन सुनिश्चित किया जाएगा, ताकि उनका शैक्षिक स्तर भी मजबूत हो सके।

विकास अधिकारी, पंचायत समिति, नादौती, ऋषिराज मीणा ने कहा, “गरीबी उन्मूलन अभियान के तहत प्रदेश सरकार ने 122 गांवों का चयन किया है। उपखंड अधिकारी के निर्देशन में सर्वे किया जा रहा है, और जो परिवार सरकार की योजनाओं से वंचित हैं, उन्हें प्राथमिकता से लाभ मिलेगा।”
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करौली जिले के सात पंचायत समितियों—करौली, हिंडौन सिटी, टोडाभीम, नादौती, मासलपुर, मंडरायल, सपोटरा—के 122 गांवों में कुल 921 बीपीएल परिवारों को इस सहायता का लाभ मिलेगा।