


बीकानेर।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 22 मई को बीकानेर के दौरे पर रहेंगे। उनका यह दौरा विकास परियोजनाओं की सौगात और सांस्कृतिक आस्था के प्रतीक करणी माता मंदिर के दर्शन से शुरू होगा। प्रधानमंत्री सुबह 8:45 बजे दिल्ली से रवाना होकर 9:50 बजे बीकानेर एयरपोर्ट पहुंचेंगे और 10:20 बजे देशनोक हैलीपेड पर उतरेंगे। इसके बाद वे 10:30 से 10:45 बजे तक करणी माता मंदिर में दर्शन करेंगे।
प्रधानमंत्री 11:00 बजे अमृत भारत स्टेशन योजना के अंतर्गत पुनर्विकसित देशनोक रेलवे स्टेशन का उद्घाटन करेंगे और बीकानेर-मुंबई एक्सप्रेस ट्रेन को रवाना करेंगे। सुबह 11:30 बजे वे पलाना में एक विशाल जनसभा को संबोधित करेंगे। प्रधानमंत्री बीकानेर में कुल 3 घंटे 25 मिनट तक रहेंगे।
रेलवे अवसंरचना को नई दिशा
मोदी देशभर में 1,100 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से 103 अमृत स्टेशनों का उद्घाटन करेंगे। इनमें राजस्थान का देशनोक स्टेशन विशेष रूप से करणी माता मंदिर की वास्तुकला से प्रेरित है। ये स्टेशन आधुनिक सुविधाओं से युक्त होंगे और सांस्कृतिक विरासत को दर्शाएंगे। चूरू-सादुलपुर रेलखंड की आधारशिला भी रखी जाएगी तथा छह प्रमुख रेलखंडों के विद्युतीकरण कार्य राष्ट्र को समर्पित किए जाएंगे।
सड़क और बिजली परियोजनाओं की सौगात
प्रधानमंत्री 4,850 करोड़ रुपये की लागत से 7 सड़क परियोजनाएं भी राष्ट्र को समर्पित करेंगे, जो सीमावर्ती इलाकों में सैन्य और नागरिक आवागमन को बेहतर बनाएंगी। इसके साथ ही बीकानेर, नावा, डीडवाना और कुचामन में सौर ऊर्जा परियोजनाओं तथा विद्युत पारेषण प्रणालियों की आधारशिला रखी जाएगी। इनसे स्वच्छ ऊर्जा के उत्पादन और कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी।
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राजस्थान के लिए 25 बड़ी परियोजनाएं
प्रधानमंत्री राज्य सरकार की 25 प्रमुख परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे, जिनमें 3,240 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से 750 किलोमीटर लंबे 12 राज्य राजमार्ग, 900 किलोमीटर नए राजमार्ग और बिजली व जल परियोजनाएं शामिल हैं। वे बीकानेर और उदयपुर की विद्युत परियोजनाओं, झुंझुनूं की ग्रामीण जलापूर्ति, तथा पाली जिले के 7 शहरों में शहरी जल योजनाओं का शुभारंभ करेंगे।
स्वास्थ्य सेवाओं में भी विस्तार
राजसमंद, प्रतापगढ़, भीलवाड़ा और धौलपुर में नर्सिंग कॉलेजों का उद्घाटन कर प्रधानमंत्री राज्य के स्वास्थ्य ढांचे को मजबूती प्रदान करेंगे।
निष्कर्ष:
प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा केवल सांस्कृतिक श्रद्धा का प्रतीक नहीं बल्कि राजस्थान के संपूर्ण बुनियादी ढांचे—रेल, सड़क, बिजली, पानी और स्वास्थ्य में व्यापक विकास की दिशा में एक निर्णायक कदम है।