


विजय शाह पर गंभीर धाराओं में केस दर्ज, आज दे सकते हैं इस्तीफा
मध्य प्रदेश में इतिहास में पहली बार किसी कैबिनेट मंत्री पर ऐसे अपराध में केस दर्ज हुआ है जो देश की एकता और अखंडता को खतरे में डालने से संबंधित है। जनजातीय कार्य मंत्री विजय शाह ने कर्नल सोफिया कुरैशी को आतंकियों की बहन कहा था, जिस पर हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया। कोर्ट के आदेश के बाद देर रात इंदौर पुलिस ने मानपुर थाने में एफआईआर दर्ज की।
पहली बार किसी मंत्री पर इतने गंभीर आरोप
यह राज्य के इतिहास में पहला मामला है, जब किसी मंत्री पर बीएनएस की धारा 152 के तहत केस दर्ज किया गया है। इस धारा में आजीवन कारावास तक की सजा का प्रावधान है। कोर्ट ने डीजीपी को आदेश दिया कि 14 मई की शाम तक एफआईआर दर्ज हो जाए, अन्यथा अवमानना की कार्रवाई की जाएगी।
इस्तीफे को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं
सूत्रों के अनुसार विजय शाह इस्तीफे को लेकर हिचकिचा रहे थे और बुधवार देर रात तक उन्होंने कोई स्पष्ट रुख नहीं लिया था। उनका कहना है कि यह बयान जानबूझकर नहीं दिया गया और उन्होंने इसके लिए माफी भी मांगी है।
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सत्ता व संगठन में मतभेद
सत्ताधारी दल के भीतर एक वर्ग मंत्री के पक्ष में है, वहीं दूसरा धड़ा बयान को आपत्तिजनक मानते हुए उनके इस्तीफे की मांग कर रहा है। कानूनी सलाहकारों के साथ बैठक में हाईकोर्ट के आदेश की समीक्षा की गई। संभावना जताई जा रही है कि शाह सुप्रीम कोर्ट में आदेश को चुनौती दे सकते हैं।
कानून विशेषज्ञों की राय
पूर्व हाईकोर्ट बार एसोसिएशन अध्यक्ष संजय वर्मा ने कहा कि हाईकोर्ट का आदेश व्यापक है और पुलिस को तत्काल गिरफ्तारी करनी चाहिए।
इन धाराओं में दर्ज हुआ मामला
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धारा 152 (BNS): देश की एकता-अखंडता के खिलाफ बयान, सजा आजीवन कारावास तक।
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धारा 196(1) ख: लोक सेवक के खिलाफ केस के लिए सरकारी मंजूरी जरूरी।
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धारा 197(1) ग: धर्म, जाति, भाषा या क्षेत्र के आधार पर घृणा फैलाने पर पांच साल तक जेल।
घटनाक्रम संक्षेप में:
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11 मई: मंत्री शाह का विवादास्पद बयान।
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12 मई: बयान की निंदा शुरू।
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13 मई: सीएम से मुलाकात, माफीनामा जारी।
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14 मई: हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेकर एफआईआर के आदेश दिए।
हाईकोर्ट की सख्त टिप्पणी:
जस्टिस अतुल श्रीधरन और जस्टिस अनुराधा शुक्ला की बेंच ने कहा कि सोफिया कुरैशी राष्ट्र की गौरवशाली बेटी हैं। सिर्फ उनके धर्म के आधार पर उन्हें आतंकियों की बहन कहना गटर की भाषा है और इससे सेना की गरिमा व राष्ट्रीय एकता पर प्रश्नचिह्न लगता है।
मुख्यमंत्री का बयान:
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश का पालन करते हुए कार्रवाई के निर्देश दे दिए गए हैं।
यह मामला अब राजनीतिक और कानूनी दोनों मोर्चों पर अहम मोड़ पर पहुंच चुका है। विजय शाह के इस्तीफे और आगे की कानूनी प्रक्रिया पर पूरे प्रदेश की निगाहें टिकी हैं।