


खाजूवाला: सरकारी दफ्तर या गोदाम? पीडब्ल्यूडी और पीएचईडी कार्यालयों में मिले कांटे-कट्टे और गंदगी
खाजूवाला। नगर के बीचोंबीच स्थित सार्वजनिक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) और जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग (पीएचईडी) के कार्यालयों का औचक निरीक्षण बुधवार को एसडीएम रमेश कुमार और नगरपालिका अधिशाषी अधिकारी सोहनलाल नायक ने किया। निरीक्षण की तस्वीरें चौंकाने वाली रहीं—दफ्तरों में अधिकारी या कर्मचारी तो नहीं मिले, लेकिन कांटे, सब्जियों-फलों के कट्टे, धूल और गंदगी का ढेर जरूर मिला।
कार्यालय बना निजी गोदाम
सुबह करीब 11:30 बजे हुए इस निरीक्षण में पीडब्ल्यूडी कार्यालय के बाहर ठेले, रेहड़ियां और दोपहिया वाहन खड़े थे, जिससे मुख्य द्वार तक पहुंचना भी मुश्किल था। अंदर प्रवेश करते ही कमरों में कट्टों में रखी सब्जियां-फल, इलेक्ट्रॉनिक कांटे और निजी दोपहिया वाहन मिले। सबसे हैरान करने वाली बात यह रही कि कार्यालय की चाबी एक सब्जी विक्रेता के पास मिली, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि कार्यालय का उपयोग लंबे समय से निजी कार्यों के लिए किया जा रहा है।
कर्मचारी गायब, कार्यालय वीरान
पीडब्ल्यूडी कार्यालय में सात कर्मचारी पदस्थ हैं, जिनमें सहायक अभियंता सुभाषचंद्र स्वामी सहित कोई भी मौजूद नहीं था। पीएचईडी कार्यालय में चार कर्मचारी नियुक्त हैं। केवल सहायक अभियंता मुकेश पुरी के बारे में बताया गया कि वे बीकानेर में बैठक में हैं, शेष सभी कर्मचारी अनुपस्थित मिले।
- Advertisement -

एसडीएम की सख्त चेतावनी
एसडीएम रमेश कुमार ने कहा कि यह मामला गंभीर लापरवाही और विभागीय नियंत्रण की कमी को दर्शाता है। सरकारी कार्यालय में गैर-प्रशासनिक गतिविधियों को किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने बताया कि संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया जाएगा और पूरी रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजी जाएगी।
निष्कर्ष
यह निरीक्षण सरकारी तंत्र की लापरवाही और दफ्तरों के निजी उपयोग की गंभीर स्थिति को उजागर करता है। इस मामले में कार्रवाई की दिशा और जवाबदेही तय करना अब प्रशासन की जिम्मेदारी है।