


‘ऑपरेशन सिंदूर’ से भारत ने पाकिस्तान और दुनिया को कड़ा संदेश दिया
‘ऑपरेशन सिंदूर’ से भारत ने पाकिस्तान और दुनिया को कड़ा संदेश दिया है। बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों सेनाओं और सुरक्षा बलों को यह स्पष्ट निर्देश दिया था, “वहां से गोली चलेगी, यहां से गोला चलेगा।” प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस से भी साफ कहा था कि अगर पाकिस्तान ने कोई आक्रामकता दिखाई तो जवाब और भी विनाशकारी होगा। भारत ने यह भी संदेश दिया कि दुनिया पीड़ितों और गुनहगारों को एक ही नजर से नहीं देख सकती।
भारत और पाकिस्तान ने चार दिन के संघर्ष के बाद संघर्ष विराम का एलान किया, लेकिन कुछ घंटे बाद ही सीमा पर फिर से गोलीबारी और सीमावर्ती जिलों में ड्रोन घुसपैठ से हालात बिगड़ते दिखे। भारत ने सेना को किसी भी कार्रवाई का उसी तरीके से जवाब देने का आदेश दिया। हालांकि देर रात शांति बहाल हुई, लेकिन फिलहाल माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है और संघर्ष विराम पर संदेह बना हुआ है।
कूटनीतिक मैदान में सीजफायर पर सवाल उठे
सीजफायर के बाद कूटनीतिक मैदान में सवाल उठने लगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार पर आरोप लगने लगे कि संघर्ष विराम से पहले उन्होंने वह मकसद हासिल नहीं किया, जिसके लिए यह संघर्ष शुरू हुआ था। इस बीच सरकार का जवाब सामने आया है, जिसमें बताया गया कि पाकिस्तान और आतंकवाद पर धारणा की लड़ाई में भारत कभी नहीं पिछड़ा।
‘भारत ने स्पष्ट संदेश दिया कि अब कुछ भी सुरक्षित नहीं’
सूत्रों के हवाले से बताया गया कि हर दौर में पाकिस्तान की स्थिति खराब होती गई। पाकिस्तान के हवाई ठिकानों पर हमलों के बाद पाकिस्तान को यह एहसास हो गया कि वे इस संघर्ष में कहीं नहीं टिकने वाले। भारत ने स्पष्ट संदेश दिया कि अब कुछ भी सुरक्षित नहीं है।
- Advertisement -
‘ऑपरेशन सिंदूर’ से भारत ने तीनों लक्ष्य हासिल किए
सूत्रों के अनुसार, भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए तीन प्रमुख लक्ष्य हासिल किए:
-
सैन्य उद्देश्य: प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था, “मिट्टी में मिला देंगे,” और भारत ने बहावलपुर, मुरीदके और मुजफ्फराबाद के आतंकवादी शिविरों को नष्ट कर दिया।
-
राजनीतिक उद्देश्य: सिंधु जल संधि से जुड़ी सीमा पार आतंकवाद की समस्या को समाप्त करने का प्रयास किया गया।
-
मनोवैज्ञानिक उद्देश्य: भारत ने ‘घुस के मारेंगे’ की नीति को लागू किया और पाकिस्तान के दिल में गहरी चोट पहुंचाई।
‘अब हम छोटे शिविरों पर हमला नहीं करेंगे’
सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान के आईएसआई से जुड़े मुरीदके और बहावलपुर के आतंकी शिविरों पर हमलों के बाद भारत ने यह संदेश दिया कि अब हम छोटे शिविरों पर नहीं, बल्कि मुख्यालय पर हमला करेंगे। भारत ने दुनिया को स्पष्ट कर दिया कि पीड़ितों और अपराधियों को एक ही नजर से नहीं देखा जा सकता।
रहीमयार खान और चकलाला एयरबेस का रनवे तबाह
भारत द्वारा की गई हमले अत्यंत सटीक थे। पाकिस्तान के रहीमयार खान एयरबेस का रनवे पूरी तरह से तबाह हो गया, और चकलाला स्थित पाकिस्तानी वायुसेना बेस नूर खान पर भी भारी नुकसान हुआ।
‘पीओके की वापसी ही एकमात्र विषय’
भारत की कश्मीर नीति अब स्पष्ट है। भारत के अनुसार, केवल एक ही मुद्दा बचा है- पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) की वापसी। इसके अलावा किसी और विषय पर भारत का इरादा नहीं है। भारत ने स्पष्ट किया कि वह किसी भी मध्यस्थता की आवश्यकता नहीं महसूस करता है।