


भारत और पाकिस्तान के बीच लगातार बिगड़ते हालात पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने गहरी चिंता जताई है। बोर्ड ने स्पष्ट कहा है कि युद्ध किसी भी समस्या का समाधान नहीं है और दोनों देशों को अपने मुद्दों का हल बातचीत के ज़रिए तलाशना चाहिए।
बोर्ड ने एक बयान में कहा, “भारत-पाकिस्तान सीमा पर बढ़ता तनाव चिंता का विषय है। राष्ट्र और उसके नागरिकों की सुरक्षा सर्वोपरि है और हम इस दिशा में उठाए गए सभी जरूरी कदमों का समर्थन करते हैं। मौजूदा परिस्थिति में हम जनता, राजनीतिक दलों, सुरक्षा बलों और सरकार से एकजुट होकर स्थिति का सामना करने की अपील करते हैं।”
बोर्ड ने कहा कि आतंकवाद और निर्दोष नागरिकों की हत्या न केवल इस्लामी शिक्षाओं बल्कि मानवीय मूल्यों के भी खिलाफ है। ऐसे में दोनों देशों को शांति और समझदारी के साथ द्विपक्षीय वार्ता और कूटनीतिक प्रयासों के ज़रिए समस्याओं को हल करना चाहिए। उन्होंने यह भी जोड़ा कि परमाणु हथियारों की उपस्थिति में युद्ध किसी के हित में नहीं है और इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं।

बोर्ड ने आगाह किया कि ऐसा कोई भी टकराव दोनों देशों की आम जनता को अत्यधिक कष्ट और पीड़ा में डाल सकता है। इसलिए शांतिपूर्ण समाधान ही एकमात्र रास्ता है।
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इसके साथ ही बोर्ड ने अपनी ‘वक्फ बचाओ’ मुहिम को लेकर भी बयान जारी किया। उन्होंने बताया कि यह अभियान जारी रहेगा, लेकिन वर्तमान हालात को देखते हुए 16 मई तक सभी सार्वजनिक कार्यक्रम स्थगित कर दिए गए हैं। हालांकि, इनडोर कार्यक्रम जैसे गोलमेज बैठकें, धार्मिक संवाद, मस्जिदों में उपदेश, और प्रशासन को ज्ञापन सौंपने जैसे प्रयास पूर्व निर्धारित योजना के अनुसार चलते रहेंगे। बोर्ड को आशा है कि स्थिति जल्द सामान्य होगी।