


पहलगाम आतंकी हमले के बाद कश्मीरियों में बदलाव, हथियारों और धार्मिक प्रतीकों वाले टैटू हटवा रहे युवक
पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद कश्मीर घाटी में युवाओं की मानसिकता में बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। कभी विरोध और पहचान का प्रतीक रहे टैटू अब घाटी के युवाओं को असहज कर रहे हैं। इसी कारण, श्रीनगर के लेजर क्लिनिकों में टैटू हटवाने वालों की भीड़ देखी जा रही है।
कई युवाओं ने पहले AK-47, रॉकेट लॉन्चर, चांद-सितारा और अन्य धार्मिक चिन्हों के टैटू हाथों और गर्दन पर बनवाए थे। लेकिन अब ये टैटू न केवल खतरे का कारण बन रहे हैं, बल्कि सामाजिक छवि पर भी असर डाल रहे हैं।

श्रीनगर के एक लेजर तकनीशियन बासित बशीर के अनुसार, पहलगाम हमले के बाद हर दिन करीब 100 युवक टैटू हटवा रहे हैं। उन्होंने बताया कि अब तक एक हजार से अधिक टैटू हटाए जा चुके हैं। भीड़ को देखते हुए उन्हें 10 लाख रुपये की नई मशीन भी खरीदनी पड़ी है।
- Advertisement -
बशीर बताते हैं कि कुछ लोग मानसिकता में बदलाव के कारण, तो कुछ डर के चलते टैटू हटवा रहे हैं। 1989 के बाद घाटी में टैटू बनवाना राजनीतिक और वैचारिक विरोध का प्रतीक माना जाता था, लेकिन अब लोग इससे दूरी बनाते दिख रहे हैं।