


पहलगाम हमले पर याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज किया, याचिकाकर्ताओं को लगाई फटकार
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की न्यायिक जांच की मांग को लेकर दाखिल जनहित याचिका को खारिज करते हुए याचिकाकर्ताओं को कड़ी फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि इस प्रकार की याचिकाएं ऐसे समय पर दाखिल की जाती हैं, जब पूरा देश आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर लड़ रहा है, और यह सेना का मनोबल गिराने जैसा कार्य है।
याचिका फतेश साहू, जुनैद मोहम्मद और विकी कुमार द्वारा दाखिल की गई थी। सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने टिप्पणी की कि याचिका दाखिल करने से पहले याचिकाकर्ताओं को जिम्मेदारी का परिचय देना चाहिए। उन्होंने कहा, “क्या आप इस तरह से हमारे सुरक्षा बलों का मनोबल गिराना चाहते हैं? हमें इस तरह की जांच करने की विशेषज्ञता कब से मिल गई?”
पीठ में शामिल न्यायमूर्ति एन. कोटिश्वर सिंह ने भी टिप्पणी करते हुए कहा कि यह वह समय है जब देश के नागरिकों को एकजुट रहकर आतंकवाद से लड़ना चाहिए, न कि सेना की कार्रवाई पर संदेह करना चाहिए।
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सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील साहू ने स्पष्ट किया कि उनका उद्देश्य किसी भी प्रकार से सेना का मनोबल गिराना नहीं था और वे याचिका वापस लेने को तैयार हैं। कोर्ट ने उन्हें याचिका वापस लेने की अनुमति दी और छात्रों की सुरक्षा के पहलू पर संबंधित उच्च न्यायालय में जाने की छूट दी।
केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने भी कहा कि इस प्रकार की याचिकाएं उच्च न्यायालयों में भी नहीं जानी चाहिए। अदालत ने याचिका को औपचारिक रूप से खारिज कर दिया।
गौरतलब है कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों द्वारा की गई गोलीबारी में 26 लोगों की मौत हो गई थी और कई लोग घायल हुए थे। पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के फ्रंट संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी। हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कूटनीतिक कदम उठाए हैं।