


सरकार ने मीडिया से सुरक्षा अभियानों की लाइव कवरेज से बचने की अपील की
केंद्र सरकार ने शनिवार को मीडिया से आग्रह किया है कि वे रक्षा अभियानों और सुरक्षा बलों की गतिविधियों की लाइव कवरेज से बचें। सरकार ने चेतावनी दी है कि इस तरह की रिपोर्टिंग से दुश्मनों को जानकारियों का फायदा हो सकता है, जो उनके लिए मददगार हो सकती है। यह सलाह जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद दी गई, जिसमें 26 लोगों की मौत हो गई थी।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की सलाह
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने सभी मीडिया चैनलों को राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में सुरक्षा बलों की आवाजाही और रक्षा अभियानों की लाइव कवरेज न करने की सलाह दी है। मंत्रालय ने इस विषय पर कहा, “राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में, सभी मीडिया प्लेटफॉर्म्स, समाचार एजेंसियों और सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं को सलाह दी जाती है कि वे रक्षा और अन्य सुरक्षा संबंधित मामलों पर रिपोर्टिंग करते समय जिम्मेदारी का पालन करें और मौजूदा कानूनों और विनियमों का सख्ती से पालन करें।”
मंत्रालय ने सुरक्षा खतरे की चेतावनी दी
मंत्रालय ने इस सलाह में यह भी स्पष्ट किया कि रक्षा अभियानों और सुरक्षा बलों की गतिविधियों से जुड़ी कोई भी कवरेज, दृश्य प्रसारण या स्रोतों से प्राप्त जानकारी को प्रसारित नहीं किया जाना चाहिए। इस तरह की रिपोर्टिंग से संवेदनशील जानकारी का समय से पहले खुलासा दुश्मनों को मदद दे सकता है और इससे ऑपरेशनल प्रभावशीलता और सुरक्षा कर्मियों की जान को खतरा हो सकता है।

कारगिल और मुंबई हमले का उदाहरण
मंत्रालय ने अपनी सलाह में 1999 के कारगिल युद्ध, 2008 के मुंबई आतंकी हमले और कंधार हाइजैकिंग जैसी घटनाओं का जिक्र किया, जब “अविचारपूर्ण कवरेज” के कारण राष्ट्रीय हितों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा था। इन घटनाओं से यह सिद्ध हुआ था कि इस तरह की रिपोर्टिंग सुरक्षा को खतरे में डाल सकती है।
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यह सलाह सरकार की तरफ से सुरक्षा बलों की गतिविधियों से जुड़ी रिपोर्टिंग में अतिरिक्त सतर्कता बरतने की अपील है, ताकि राष्ट्रीय सुरक्षा के हितों की रक्षा की जा सके।