


पहलगाम आतंकी हमले के खिलाफ देशभर में आक्रोश, बीकानेर से मानवता और एकता का संदेश
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। 22 अप्रैल को बसरा घाटी के पास हुए इस हमले में 26 निर्दोष पर्यटकों की हत्या कर दी गई। इस घटना के विरोध में देशभर में लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है। हर वर्ग के लोग इस नृशंस हमले की निंदा करते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
बीकानेर में मुस्लिम समाज ने एकजुट होकर इस आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि इस्लाम में आतंकवाद के लिए कोई जगह नहीं है। समाज के प्रतिनिधियों ने कहा कि कुरान में यह स्पष्ट है कि एक निर्दोष इंसान की हत्या पूरी मानवता की हत्या के समान है, और एक जान बचाना समस्त इंसानियत को जीवन देने जैसा है।
जमीअत उलमा-ए-हिन्द, शाखा बीकानेर ने इस हमले को “कायराना और अमानवीय” बताया और कहा कि धर्म के नाम पर हिंसा फैलाना न केवल निंदनीय है बल्कि धर्म की मूल शिक्षाओं के भी विरुद्ध है। संगठन के महासचिव मौलाना मोहम्मद इरशाद क़ासमी ने प्रेस बयान जारी कर बताया कि इस प्रकार की घटनाएं देश की एकता, अमन और इंसानियत पर हमला हैं, जिन्हें किसी भी रूप में स्वीकार नहीं किया जा सकता।
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उन्होंने कहा कि इस दुखद घटना के बीच कश्मीरी आम जनता की मानवता और सहयोग की भावना सबसे उजागर हुई। जिन्होंने घायलों को अस्पताल पहुंचाकर और ज़रूरी सहायता देकर इंसानियत की मिसाल पेश की। यह कश्मीर की मिट्टी के प्रेम और भाईचारे की भावना को दर्शाता है।

स्वदेशी जागरण मंच, बीकानेर ने भी हमले की कड़ी निंदा करते हुए केंद्र सरकार से दोषियों को जल्द से जल्द सजा देने, उच्चस्तरीय न्यायिक जांच, और पर्यटकों की सुरक्षा के लिए ठोस रणनीति बनाने की मांग की। साथ ही राष्ट्रव्यापी 2 मिनट का मौन और धार्मिक स्थलों पर शांति प्रार्थना आयोजित करने का आह्वान किया।
कांग्रेस नेता नित्यानंद पारीक और सेवादल के नरसिंह दास व्यास ने भी आतंकियों और उनके संरक्षकों को नष्ट करने की मांग करते हुए कहा कि पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठनों के पीओके में बने बंकरों को तुरंत ध्वस्त किया जाए। उन्होंने प्रधानमंत्री से सख्त और निर्णायक कदम उठाने की अपील की और हमले में मारे गए लोगों को अश्रुपूरित श्रद्धांजलि अर्पित की।
बीकानेर से उठे इन विभिन्न स्वरों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि आतंकवाद का न कोई मजहब होता है और न ही कोई इंसानियत। देश की एकता और भाईचारे के संदेश के साथ समाज के सभी वर्ग एकजुट होकर आतंकवाद के खिलाफ खड़े हैं।