


जयपुर। राजस्थान गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (RGHS) में गड़बड़ी सामने आने के बाद राज्य सरकार ने सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है। वित्त विभाग की स्पेशल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) सेल द्वारा की गई जांच में खुलासा हुआ कि योजना के तहत कई अस्पतालों में फर्जीवाड़ा किया गया है। इन अनियमितताओं के चलते दो दर्जन से अधिक अस्पतालों को योजना से बाहर कर दिया गया है, वहीं कुछ अस्पतालों को निलंबित भी किया गया है।
विभागीय सूत्रों के अनुसार, जांच के दौरान एलोपैथी और आयुष दोनों ही तरह के अस्पतालों में फर्जी क्लेम के माध्यम से करोड़ों रुपये के भुगतान की पुष्टि हुई है। कुछ मामलों में पुलिस थानों में एफआईआर भी दर्ज करवाई गई है।
फर्जी क्लेम का ऐसा था तरीका
जानकारी के मुताबिक, कुछ आयुष अस्पतालों में एक ही मरीज को कई बार पंचकर्म थैरेपी कराने, तो कुछ एलोपैथिक अस्पतालों में बिना इलाज के फर्जी बिल तैयार कर भुगतान लेने की घटनाएं सामने आई हैं। मेडिकल स्टोर पर भी फर्जी पर्चियों के जरिए दवा बिल बनाए गए।
राजस्थान पत्रिका ने इन मामलों को प्रमुखता से उजागर किया था, जिसके बाद सरकार ने गंभीरता से संज्ञान लेते हुए कार्रवाई की है।
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योजना को पारदर्शी और सख्त बनाने की तैयारी
सरकार अब इस योजना को और प्रभावी तथा पारदर्शी बनाने की दिशा में कदम उठा रही है। वित्त विभाग के सचिव नवीन जैन के अनुसार, योजना में सुधार के लिए बायोमैट्रिक सत्यापन की व्यवस्था की जा रही है।
इसके अलावा, अब आउटडोर परची पर लाभार्थी का नाम, चिकित्सक के हस्ताक्षर और आरएमसी नंबर अनिवार्य रूप से दर्ज करना होगा, जिससे फर्जी स्लिप पर दवाएं उठाने की प्रक्रिया रोकी जा सके।
जैन ने बताया कि गड़बड़ी करने वाले अस्पतालों को योजना से बाहर करने और निलंबन की कार्रवाई आगे भी लगातार जारी रहेगी। सरकार का उद्देश्य योजना में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना है ताकि वास्तविक लाभार्थियों को ही इसका लाभ मिल सके।