


वक्फ संशोधन एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट पहुंची भजनलाल सरकार, पक्षकार बनने की मांगी अनुमति
जयपुर। वक्फ (संशोधन) एक्ट को लेकर देशभर में जारी बहस के बीच राजस्थान की भजनलाल शर्मा सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। सरकार ने इस मामले में खुद को पक्षकार बनाए जाने की अनुमति मांगी है, ताकि वह संशोधित कानून के पक्ष में अपना विस्तृत पक्ष रख सके।
16 अप्रैल को होनी है याचिका पर सुनवाई
उल्लेखनीय है कि 16 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में उस याचिका पर सुनवाई होनी है, जिसमें वक्फ (संशोधन) एक्ट की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी गई है। इसी से पहले राज्य सरकार ने हस्तक्षेप आवेदन दाखिल किया है।
सरकार की ओर से पेश किया गया हस्तक्षेप प्रस्ताव
राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा ने विधिक सलाह लेकर हस्तक्षेप का प्रारूप तैयार कर सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया। इसमें बताया गया है कि राज्य सरकार वक्फ संपत्तियों के प्रशासन की प्रमुख कार्यकारी इकाई है और यह कानून पारदर्शिता, जवाबदेही और भूमि विवादों की रोकथाम के इरादे से लाया गया है।
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अधिनियम में शामिल हैं पारदर्शी प्रक्रियाएं
राज्य सरकार ने अपने आवेदन में स्पष्ट किया है कि यह अधिनियम किसी की धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन नहीं करता। इसके तहत किसी भी भूमि को वक्फ संपत्ति घोषित करने से पहले 90 दिनों का सार्वजनिक नोटिस और आपत्ति दर्ज करने की प्रक्रिया अनिवार्य की गई है, ताकि आमजन के अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित हो सके।
सरकार का उद्देश्य न्यायालय को तथ्यों से अवगत कराना
राजस्थान सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया है कि उसे विस्तृत हलफनामा दाखिल करने की अनुमति दी जाए, ताकि न्यायालय को तुलनात्मक कानूनी पहलुओं, राज्य स्तरीय आंकड़ों और प्रशासनिक अनुभवों के आधार पर उचित जानकारी उपलब्ध करवाई जा सके। सरकार का यह कदम न केवल कानूनी दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि इससे राज्य का रुख भी स्पष्ट होता है कि वह विवादित कानून को लेकर जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित करना चाहती है।