


जयपुर नगर निगम के वार्डों के परिसीमन और पुनर्गठन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अहम भूमिका रही है। खासतौर पर हैरिटेज नगर निगम के वार्डों में संघ के सुझावों को विशेष प्राथमिकता दी गई। वहीं सांगानेर विधानसभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने खुद सक्रिय भूमिका निभाई। सूत्रों के अनुसार उन्होंने अधिकारियों के साथ बैठकें कीं और वार्ड परिसीमन से जुड़े मुद्दों पर सीधे निगरानी रखी।
जानकारों के मुताबिक एक रणनीतिक टीम बनाई गई, जिसमें सांसद, महापौर, जिलाध्यक्ष, विधायक, पूर्व विधायक और विधानसभा चुनाव लड़ चुके प्रत्याशियों को शामिल किया गया। सांगानेर को छोड़कर शेष नौ विधानसभा क्षेत्रों में विस्तार से चर्चा हुई। सुझावों का संग्रह कर उनका समन्वय किया गया। चार चरणों में बैठकें हुईं, जिनमें कुल 150 वार्डों की रूपरेखा तैयार की गई।
पुनर्गठन के दौरान खास ध्यान यह रखा गया कि भाजपा को नुकसान न हो। संघ के स्तर पर महानगर और विभागीय चर्चा के बाद सुझावों को अमल में लाया गया। हैरिटेज निगम के विधानसभा क्षेत्रों को विशेष प्राथमिकता दी गई।
विधानसभा क्षेत्र अनुसार वार्ड वितरण
- Advertisement -
-
विद्याधर नगर: 22 वार्ड (1 से 22)
-
झोटवाड़ा: 15 वार्ड (23 से 37)
-
सांगानेर: 21 वार्ड (38 से 58)
-
बगरू: 14 वार्ड (59 से 72)
-
मालवीय नगर: 15 वार्ड (73 से 87)
-
सिविल लाइन्स: 16 वार्ड (88 से 103)
-
किशनपोल: 12 वार्ड (104 से 115)
-
आदर्श नगर: 17 वार्ड (116 से 132)
-
हवामहल: 15 वार्ड (133 से 147)
-
आमेर: 3 वार्ड (148 से 150)
सबसे बड़ा और सबसे छोटा वार्ड
विद्याधर नगर विधानसभा का वार्ड 19 जनसंख्या के लिहाज़ से सबसे बड़ा है, जिसकी आबादी 37,711 है। वहीं आदर्श नगर क्षेत्र का वार्ड 132 सबसे छोटा है, जिसकी जनसंख्या मात्र 10,371 है।
भाजपा की रणनीतिक बढ़त
इस नए परिसीमन के बाद भाजपा के महापौर बनाने की संभावनाएं बढ़ गई हैं। जिन क्षेत्रों में भाजपा विधायक हैं, वहां वार्डों की संख्या अधिक है। ऐसे में कांग्रेस को निगम बोर्ड के गठन में चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। पुनर्गठन को पार्टी के हितों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है, जिससे आगामी स्थानीय चुनावों में भाजपा को स्पष्ट लाभ मिल सकता है।