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बीकानेर

94 वर्षीय किशनाराम नाई नहीं रहे, जानें कैसा रहा उनका राजनीतिक सफर

editor
editor Published April 8, 2025
Last updated: 2025/04/08 at 12:18 PM
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94 वर्षीय किशनाराम नाई नहीं रहे, जानें कैसा रहा उनका राजनीतिक सफर

बीकानेर। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और तीन बार विधायक रहे किशनाराम नाई का सोमवार रात को निधन हो गया। वे 94 वर्ष के थे। उनके निधन से राजस्थान की राजनीति में शोक की लहर दौड़ गई है। वे लंबे समय से किडनी और सीने के संक्रमण से पीड़ित थे और श्रीडूंगरगढ़ में अंतिम सांस ली।

उनकी अंतिम यात्रा मंगलवार दोपहर 2 बजे श्रीडूंगरगढ़ के कालू रोड स्थित मोक्षधाम पहुंचेगी। पारिवारिक सूत्रों के अनुसार, अंतिम संस्कार इसी के बाद किया जाएगा।

राजनीतिक जगत में शोक की लहर
किशनाराम नाई के निधन पर केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल, विश्वकर्मा कौशल विकास बोर्ड के अध्यक्ष रामगोपाल सुथार, पूर्व विधायक बिहारीलाल बिश्नोई, भाजपा नेता अशोक भाटी सहित कई वरिष्ठ नेताओं ने गहरा शोक व्यक्त किया और उनकी राजनीतिक सेवाओं को याद किया।

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संकटमोचक के रूप में पहचान
किशनाराम नाई ने 1956 में सक्रिय राजनीति में कदम रखा और भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर तीन बार विधायक चुने गए। वे श्रीडूंगरगढ़ नगर पालिका के चेयरमैन, बीकानेर देहात और चूरू जिले में भाजपा जिलाध्यक्ष जैसे पदों पर भी रहे।

साल 1990 में वे उस समय सुर्खियों में आए जब उन्होंने दिग्गज नेता कुंभाराम आर्य को हराकर विधानसभा में प्रवेश किया। वर्ष 1993 में जब भैरोंसिंह शेखावत सरकार राजनीतिक संकट से जूझ रही थी, तब किशनाराम नाई ने संकटमोचक की भूमिका निभाई और सरकार को स्थिरता दिलाई। इसी भूमिका के चलते वे भैरोंसिंह शेखावत के भरोसेमंद नेताओं में गिने जाने लगे।

सादगी और संगठन के प्रति समर्पण की मिसाल
किशनाराम नाई अपने सादगीपूर्ण जीवन, संगठन के प्रति निष्ठा और जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं से जुड़ाव के लिए जाने जाते थे। उनके राजनीतिक योगदान और सामाजिक सरोकारों को आज भी क्षेत्र के लोग सम्मान के साथ याद करते हैं।

उनके निधन से भाजपा ने एक ऐसा नेता खो दिया है, जिसने न केवल पार्टी को मजबूत किया बल्कि कठिन समय में मार्गदर्शक की भूमिका भी निभाई।


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editor April 8, 2025
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