


बीकानेर: शहर में आत्महत्याओं का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है, जिससे हर वर्ग में चिंता बढ़ रही है। बीते तीन सालों में 1750 लोगों ने आत्महत्या कर अपनी जान गंवा दी। इसके पीछे विभिन्न मानसिक, सामाजिक और आर्थिक कारण बताए जा रहे हैं।
तीन साल में 1750 आत्महत्याएं – आंकड़े चिंताजनक
आंकड़ों के अनुसार,
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2022 में 417 लोगों ने आत्महत्या की।
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2023 में यह संख्या बढ़कर 459 हो गई।
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2024 में 449 लोगों ने जान दी।
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2025 के अभी तक के 81 दिनों में 101 मामले दर्ज हो चुके हैं।
सामूहिक आत्महत्याओं की घटनाओं ने झकझोर दिया
बीते कुछ वर्षों में सामूहिक आत्महत्या के कई मामलों ने शहर को दहला दिया, जिससे समाज और प्रशासन दोनों के लिए यह एक गंभीर चुनौती बन गया है।
सुसाइड प्रिवेंशन सेंटर और सामाजिक संस्थाएं भी बेअसर
हालांकि, पुलिस की ओर से रेंज स्तर पर ‘सुसाइड प्रिवेंशन रिसोर्स सेंटर’ और सामाजिक संगठनों का गठन किया गया, लेकिन अब तक कोई प्रभावी परिणाम सामने नहीं आए हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता, काउंसलिंग और परिवार व समाज के सहयोग से इस गंभीर समस्या को रोका जा सकता है।