


राजस्थान के चित्तौड़गढ़ स्थित श्री सांवलिया सेठ मंदिर में होली पर्व पर खोली गई दान पेटी से 24.44 करोड़ रुपये नकद, 350 ग्राम सोना और 67 किलो चांदी निकले हैं। यह गणना पांच चरणों में पूरी हुई।
पांच चरणों में हुई नकदी गणना
मंदिर के प्रशासनिक अधिकारी नंदकिशोर टेलर के अनुसार, गुरुवार को अंतिम चरण में 2.44 करोड़ रुपये की गिनती की गई। इस प्रकार, कुल 24,44,94,700 रुपये (24.44 करोड़ रुपये) नकद प्राप्त हुए।
क्यों मिलता है सांवलिया सेठ को इतना चढ़ावा?
सांवलिया सेठ को व्यापारिक सफलता के देवता माना जाता है। कई व्यापारी उन्हें अपना बिजनेस पार्टनर मानकर पूजा करते हैं और मुनाफे का एक हिस्सा दान स्वरूप अर्पित करते हैं।

भक्तगण नकदी, सोना, चांदी और चिट्ठियाँ भी भंडार में डालते हैं, जो उनकी मनोकामनाओं और आस्था का प्रतीक होती हैं। देशभर से हजारों श्रद्धालु सांवलिया सेठ के दर्शन करने और चढ़ावा अर्पित करने आते हैं।
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श्री सांवलिया सेठ मंदिर की प्रसिद्धि
सांवलिया सेठ की ख्याति राजस्थान सहित पूरे देश में फैली हुई है। खासकर व्यापारी वर्ग के लोग मानते हैं कि सांवलिया सेठ की कृपा से उनका व्यापार फलता-फूलता है। यही कारण है कि मंदिर में हर साल करोड़ों रुपये का चढ़ावा आता है।