


खेल सामग्री के लिए ग्रांट नहीं, अब स्कूलों को सीधे मिलेंगी 20 हजार स्पोर्ट्स किट
बीकानेर। प्रदेश के सरकारी स्कूलों में खेल सामग्री के लिए अब अलग से स्पोर्ट्स ग्रांट नहीं दी जाएगी। इसके बजाय, राज्य सरकार ने सभी स्कूलों को प्रत्यक्ष रूप से स्पोर्ट्स किट उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। इस योजना के तहत 22 करोड़ 29 लाख रुपये की राशि स्वीकृत की गई है, और स्पोर्ट्स किट की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए एक निजी एजेंसी को जिम्मेदारी सौंपी गई है।
25 मार्च तक होगी आपूर्ति
राज्य सरकार ने तय किया है कि सभी स्कूलों में यह किट 25 मार्च तक पहुंचा दी जाएंगी। पहले हर वर्ष स्कूलों को अलग-अलग ग्रांट दी जाती थी, और स्कूल प्रबंधन स्वयं खेल सामग्री की खरीद करता था। इस बार वित्तीय वर्ष के अंत तक ग्रांट जारी नहीं होने के कारण खरीद प्रक्रिया पूरी करना संभव नहीं था।
प्राइवेट एजेंसी करेगी सप्लाई, 12 महीने की वारंटी अनिवार्य
अब सरकार ने खेलो इंडिया खेलो योजना के तहत फिजिकल एजुकेशन कार्यक्रम में बदलाव करते हुए एक निजी एजेंसी को खेल किट की आपूर्ति का कार्य सौंपा है।

- एजेंसी को खेल किट सीधे स्कूलों तक पहुंचानी होगी। किसी वितरक, एजेंट या अन्य माध्यम से आपूर्ति नहीं की जा सकेगी।
- प्रत्येक किट पर राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद का नाम और लोगो अंकित होगा।
- किट की 12 महीने की वारंटी होगी, यानी किसी भी खराबी की स्थिति में इसे बदला जाएगा।
- भुगतान समग्र शिक्षा के स्पोर्ट्स ग्रांट फंड से किया जाएगा।
- यदि एजेंसी समय पर किट की आपूर्ति नहीं कर पाती है, तो निविदा शर्तों के अनुसार भुगतान में कटौती की जाएगी।
स्कूलों के लिए राहत, पारदर्शिता बढ़ने की उम्मीद
पहले स्कूलों को खेल सामग्री खरीदने की जिम्मेदारी दी जाती थी, जिसमें खरीद प्रक्रिया जटिल और समय लेने वाली थी। अब सीधी सप्लाई से स्कूलों को समय पर गुणवत्ता वाली खेल सामग्री मिलने की उम्मीद है।