


नागौर: प्रदेश के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर रविवार को नागौर जिला मुख्यालय के दौरे पर पहुंचे। इस दौरे के दौरान उन्होंने विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लिया और कई अहम घोषणाएं की। शिक्षा मंत्री ने नागौर के बड़ली स्थित स्कूल के क्रमोन्नति कार्यक्रम में भाग लिया। इसके बाद उन्होंने नागौर के कांकरिया स्कूल में आयोजित हरित संगम कार्यक्रम में शिरकत की।
मीडिया से बातचीत के दौरान शिक्षा मंत्री ने शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए कुछ नए कदमों की जानकारी दी। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा, “अगर बच्चों के 80 में से 40 नंबर नहीं आए, तो मास्टर साहब को फेल कर दिया जाएगा।” इसके जरिए उन्होंने शिक्षकों को उनकी जिम्मेदारी का एहसास दिलाने की बात कही।
सुधार और नई पहल:
- री-टोटलिंग और री-चेकिंग की व्यवस्था: मंत्री ने बताया कि छात्रों को अपने परिणामों की सटीकता पर भरोसा दिलाने के लिए यह नई पहल शुरू की जा रही है।
- प्रश्न पत्र खंडवार बनवाने की योजना: परीक्षा के दौरान पेपर लीक की संभावनाओं को कम करने के लिए प्रश्न पत्रों को खंडवार अलग-अलग बनाने की योजना बनाई गई है।
शिक्षकों की जवाबदेही:
शिक्षा मंत्री ने चेतावनी दी कि यदि किसी शिक्षक के छात्र 80 में से 40 अंक भी नहीं ला पाते हैं, तो उस शिक्षक को फेल माना जाएगा। उन्होंने कहा कि ऐसे शिक्षकों का तबादला दूरस्थ स्थानों, जैसे गंगानगर से बांसवाड़ा और बांसवाड़ा से गंगानगर, किया जाएगा।

अन्य घोषणाएं:
- मंत्री ने सरकारी स्कूलों के लिए सुविधाओं में सुधार का वादा किया।
- बड़ली स्कूल के लिए एक अतिरिक्त कमरा बनाने की घोषणा की।
- कांकरिया स्कूल में “हरित संगम” के तहत पर्यावरण को बढ़ावा देने की बात की।
इस मौके पर नागौर के पूर्व विधायक मोहन राम चौधरी, बीजेपी के जिला अध्यक्ष रामधन पोटलिया सहित अन्य नेता भी मौजूद रहे। मंत्री ने कहा कि इन सुधारों का मकसद शिक्षा प्रणाली को मजबूत करना और छात्रों की संतोषजनक प्रगति सुनिश्चित करना है।