


वेटलैंड्स का संकट: लूणकरनसर झील और अन्य जलस्रोतों का बिगड़ता हाल
बीकानेर: राजस्थान के प्राचीन वेटलैंड्स, जैसे लूणकरनसर झील, देवीकुंड सागर, सूरसागर और लखोलाई तालाब, आज गंभीर संकट का सामना कर रहे हैं। एक समय ये जलस्रोत खारे पानी, पक्षियों के आवास, और स्थानीय इकोसिस्टम के लिए मशहूर थे। अब इनमें से अधिकांश गंदगी, मृत पशुओं, और अनधिकृत निर्माण के कारण अपनी पहचान खो रहे हैं।

मुख्य समस्याएँ:
- लूणकरनसर झील: कभी नमक उत्पादन और प्रवासी पक्षियों के लिए प्रसिद्ध, यह झील अब मृत पशुओं और सीवरेज के पानी से दूषित है।
- देवीकुंड सागर: ऐतिहासिक महत्व वाला यह तालाब अब झाड़ियों और कचरे से भरा हुआ है। इसके जलमार्ग अवरुद्ध हो चुके हैं।
- सूरसागर: इस क्षेत्र में अनधिकृत निर्माण और नालों के कारण जल संग्रहण समाप्त हो गया है।
सरकारी कदम:
2023 में इन जलस्रोतों को वेटलैंड घोषित किया गया, लेकिन अब तक केवल क्षेत्र चिह्नित करने और बोर्ड लगाने तक ही सीमित प्रयास हुए हैं। राज्य सरकार ने बजट जारी करने और इकोसिस्टम पुनर्जीवित करने की योजना बनाई है।