


विदेश मंत्री एस जयशंकर ने लंदन के प्रतिष्ठित चैथम हाउस में दिए एक भाषण में जम्मू-कश्मीर और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) को लेकर भारत की स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने कहा कि भारत ने कश्मीर के हालात सुधारने के लिए तीन प्रमुख कदम उठाए हैं। पहला कदम था अनुच्छेद 370 को हटाना, जिससे जम्मू-कश्मीर पूरी तरह भारत का हिस्सा बना। दूसरा, क्षेत्र में आर्थिक और सामाजिक विकास को बढ़ावा देना, और तीसरा, लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए सफल चुनाव कराना।
जयशंकर ने जोर देकर कहा कि कश्मीर का मसला तब तक पूरी तरह हल नहीं होगा, जब तक PoK भारत के नियंत्रण में वापस नहीं आ जाता। उन्होंने कहा, “जब वह हिस्सा हमारे पास लौटेगा, तब ही कश्मीर का मुद्दा पूरी तरह हल होगा।”
यह बयान भारत की मजबूत कूटनीति और क्षेत्रीय अखंडता के प्रति उसकी अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है। जयशंकर ने यह भी कहा कि सरकार कश्मीर में लोकतंत्र, विकास और सामाजिक न्याय के बाद अब PoK को वापस लाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। उनकी टिप्पणियां बताती हैं कि यह प्रक्रिया अब केवल योजना नहीं, बल्कि ठोस कार्रवाई का रूप ले रही है।

PoK के मुद्दे पर जयशंकर के बयान अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की नई कूटनीति का संकेत भी दे सकते हैं। इससे यह साफ होता है कि भारत न केवल अपनी सीमा की सुरक्षा के लिए बल्कि अपनी क्षेत्रीय अखंडता को बनाए रखने के लिए भी कटिबद्ध है।
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यह बदलते भारत की नीति और रणनीति का प्रतीक है, जो कश्मीर में विकास और शांति के साथ-साथ PoK को वापिस लाने की दिशा में ठोस कदम उठा रहा है।