


महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए राजस्थान सरकार ने सभी कार्यालयों में आंतरिक शिकायत समिति का गठन अनिवार्य कर दिया है। जिन कार्यालयों में 10 या उससे अधिक कर्मचारी काम कर रहे हैं, वहां इस समिति की उपस्थिति सुनिश्चित करनी होगी। समिति का गठन न करने पर 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।
इसके साथ ही, सभी कार्यालयों और संस्थाओं को शी-बॉक्स पोर्टल पर अपनी आंतरिक शिकायत समिति का पंजीकरण करवाना होगा। इस पोर्टल के माध्यम से महिलाएं लैंगिक उत्पीड़न की शिकायतें ऑनलाइन दर्ज करा सकेंगी।
जिला कलेक्टरों को निर्देश: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत, महिला अधिकारिता विभाग ने सभी जिला कलेक्टरों को सरकारी और निजी कार्यालयों की संख्या और उनमें स्थापित आंतरिक शिकायत समितियों की जानकारी प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। इन समितियों की मॉनिटरिंग और कार्रवाई की निगरानी शी-बॉक्स पोर्टल से की जाएगी।
41 जिलों में प्रगति: विभाग के अनुसार, 41 जिलों में शिकायत समितियां गठित की जा चुकी हैं। किसी भी समिति को यदि तीन साल से अधिक समय हो गया है, तो उसका पुनर्गठन आवश्यक है। यदि समिति के अध्यक्ष या सदस्य का स्थानांतरण हुआ है, तो उनकी जगह नए सदस्यों का मनोनयन किया जाएगा।
- Advertisement -

31 मार्च तक रिपोर्ट पेश करने के आदेश: सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को महिलाओं के उत्पीड़न के मामलों पर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। इसके लिए जिला कलेक्टर सर्वेक्षण कर 31 मार्च तक रिपोर्ट देंगे।
यह कदम न केवल कार्यस्थलों पर महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा बल्कि उन्हें न्याय के प्रति विश्वास दिलाने का प्रयास भी है। सरकार की यह पहल एक सकारात्मक बदलाव लाने और महिलाओं को सुरक्षित वातावरण देने की दिशा में महत्त्वपूर्ण साबित होगी।