


बीकानेर. फाल्गुन का महीना रंगों का पर्व होली लेकर आता है, लेकिन इसी के साथ सर्दी की विदाई प्रवासी पक्षियों के लौटने का संकेत भी देती है। इस समय तापमान सामान्य होने से पक्षियों का कलरव फिर से सुनाई देने लगा है। खेत-खलिहान, बगीचों और ओरण में दक्षिण व पूर्व से उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ते पक्षियों के झुंड डेरा डाल रहे हैं।
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पक्षी प्रेमियों में उत्साह
- कोई कैमरे में दुर्लभ पक्षियों को कैद कर रहा है, तो कोई ऐसे पक्षियों को देखकर रोमांचित हो रहा है, जो पहले यहां नजर नहीं आते थे।
- वन्यजीव फोटोग्राफर विकास स्वामी ने बीकानेर से सूरतगढ़ के बीच और पश्चिमी सीमा पर इन पक्षियों की तस्वीरें कैमरे में कैद की हैं।
कई प्रजातियों के पक्षी दिखे
1. हरियल पक्षी (येलो फुटेड ग्रीन पिजन)
- महाराष्ट्र का राज्य पक्षी।
- मान्यता है कि यह धरती पर पैर नहीं रखता, अगर उतरता भी है तो लकड़ी के टुकड़े पर बैठता है।
- यह पूर्णतः शाकाहारी पक्षी होता है।
- इन दिनों पेड़ों पर झुंड में नजर आ रहा है।
2. पीली आंखों वाले कबूतर
- दुनिया में सिर्फ 1% आबादी शेष है।
- कजाकिस्तान और अफगानिस्तान से आते हैं और अब वापस लौट रहे हैं।
- इस बार जोड़बीड़ क्षेत्र में इनकी संख्या अधिक देखी गई।
3. हॉर्नबिल (धनेश पक्षी)
- इसे शुभ संकेत देने वाला पक्षी माना जाता है।
- नर की लाल-भूरी आंखें, जबकि मादा की गहरी भूरे रंग की आंखें होती हैं।
- जोड़े में रहना पसंद करता है, और बीकानेर क्षेत्र में इसकी उपस्थिति को शुभ माना जा रहा है।
4. स्कोप आउल (दुर्लभ उल्लू)
- 25 सेमी लंबाई वाला यह उल्लू, जूलॉजिकल भाषा में ऑटसबाका मोईना कहलाता है।
- यह उल्लू अपना रंग बदलने की क्षमता रखता है और श्रीनगर से श्रीलंका तक पाया जाता है।
- वन विभाग ने इसे सूरतगढ़ ऑफिस में देखा है और इसकी गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है।
5. पेंटेड स्टॉर्क (सारस परिवार का पक्षी)
- यह पक्षी हिमालय के दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया में प्रवास करता है।
- आमतौर पर बीकानेर संभाग में कम दिखता है, लेकिन हाल ही में भारत-पाक सीमा के पास तालाब किनारे नजर आया।
6. शिकारी पक्षियों की ऊंची उड़ान
- जोड़बीड़ में प्रवासी गिद्ध, चील और बाज बड़ी संख्या में मौजूद हैं।
- यह पक्षी यूक्रेन, यूरेशिया और रूस से माइग्रेट होकर आए थे और अब वापस लौटने की तैयारी में हैं।
- दोपहर 12 बजे के आसपास यह शिकारी पक्षी आसमान में हजारों फीट तक उड़ान भरते हैं, जो इनके प्रस्थान का संकेत है।
प्रवासी पक्षियों की विदाई, प्रकृति के बदलाव का संकेत
बीकानेर और आसपास के क्षेत्रों में इन प्रवासी पक्षियों की मौजूदी एक रोमांचक अनुभव है। पक्षी प्रेमियों और वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर्स के लिए यह समय अनोखे नजारों से भरा हुआ है। लेकिन जैसे-जैसे गर्मी बढ़ेगी, ये पक्षी अपने ठिकानों की ओर लौट जाएंगे, पीछे छोड़ जाएंगे उनकी चहचहाहट की यादें।
