गिव अप अभियान: अब सम्पन्न किसानों और एसी में रहने वालों की जांच
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत सरकार गरीब परिवारों को हर महीने मुफ्त गेहूं उपलब्ध करवा रही है। पात्र लोगों को योजना का लाभ देने के लिए सरकार ने पहले चरण में बंगला और कार मालिकों से अपील की थी कि वे स्वयं अपना नाम सूची से हटवाएं। इस अभियान के तहत अब तक 10 लाख 41 हजार लोगों ने सूची से नाम कटवा लिया है।
अब सरकार दूसरे चरण में ऐसे लोगों को सूची से बाहर करने की तैयारी कर रही है, जो आर्थिक रूप से सक्षम होने के बावजूद मुफ्त राशन ले रहे हैं। इनमें एसी में रहने वाले, सम्पन्न किसान और उच्च बिजली बिल भरने वाले लोग शामिल हैं। सरकार का लक्ष्य वास्तविक गरीबों को खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ दिलाना है।
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा के अनुसार, 50 हजार से अधिक ऐसे लोग सूची में शामिल हैं, जो हर साल सरकार को 100 क्विंटल गेहूं समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर बेचते हैं और फिर स्वयं मुफ्त राशन लेते हैं। इसके अलावा, हर महीने 50 हजार रुपये तक का बिजली बिल भरने वाले भी गरीबों के हक पर डाका डाल रहे हैं।
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सरकार का अनुमान है कि मार्च तक 30 लाख नए पात्र गरीबों को योजना में जोड़ा जाएगा। 10 साल से कम उम्र के 12.75 लाख बच्चों और 70 साल से अधिक आयु के 3.88 लाख बुजुर्गों को केवाईसी से छूट दी जाएगी, जिससे नए गरीबों के लिए स्थान बनाया जा सकेगा।
प्रदेश में सबसे अधिक गरीब चयनित जिले:
✔ जयपुर – 30.61 लाख
✔ अलवर – 24.06 लाख
✔ नागौर – 23.50 लाख
✔ उदयपुर – 22.16 लाख
स्वयं नाम हटाने वालों में अग्रणी जिले:
✔ अलवर – 92,700
✔ जयपुर – 68,267
✔ बांसवाड़ा – 60,387
✔ उदयपुर – 55,282
सरकार का कहना है कि जो लोग पात्र नहीं हैं, उन्हें योजना से बाहर किया जाएगा, ताकि असली जरूरतमंदों को लाभ मिल सके।