


राजस्थान के 11 जिलों में पेयजल और पश्चिमी राजस्थान की सिंचाई का मुख्य स्रोत इंदिरा गांधी नहर परियोजना (आईजीएनपी) गंभीर जल संकट से जूझ रही है। इस संकट ने रबी की फसल पर गहरा असर डाला है, जिससे किसान बेबस और आंदोलनरत हो गए हैं।
किसानों का आंदोलन तेज
बीकानेर जिले में लूणकरनसर से खाजूवाला तक के किसानों ने सिंचाई के लिए पानी की मांग को लेकर शनिवार को चक्का जाम और बाजार बंद का आह्वान किया है।

- लूणकरनसर में किसान धरने पर बैठे हैं।
- खाजूवाला में बाजार बंद करने की तैयारी हो चुकी है।
- जिला प्रशासन किसानों को समझाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन किसान सिंचाई पानी मिलने तक पीछे हटने को तैयार नहीं हैं।
सिंचाई विभाग की स्थिति
सिंचाई विभाग का कहना है कि बांधों में पानी का भंडार बहुत कम बचा है और इस समय सिर्फ पेयजल की आपूर्ति संभव है। किसानों को सिंचाई के लिए पानी देने के लिए कम से कम 1000 क्यूसेक अतिरिक्त पानी की जरूरत होगी, लेकिन विभाग इसे देने में असमर्थ है।
किसानों की मांग
- साल 2004 में 1275 फीट और 2021 में 1277 फीट तक पानी दिया गया था।
- इस बार पोंग बांध का जलस्तर 1304 फीट के करीब है, फिर भी सिंचाई पानी नहीं दिया जा रहा।
- सरकार को किसानों को कम से कम दो सिंचाई पानी की बारी देनी चाहिए, ताकि उनकी फसलें बच सकें।
सरकारी तर्क और संभावित समाधान
- सिंचाई विभाग के अनुसार अगर पानी निकासी बढ़ाई गई, तो जुलाई तक पोंग बांध का स्तर 1265 फीट तक गिर सकता है।
- पंजाब से उधार पानी लेने का विकल्प भी कठिन है, क्योंकि इस बार पंजाब को भी कम पानी मिला है और वह उधार पानी देने के लिए तैयार नहीं है।
- राजस्थान सरकार अगर केंद्र सरकार के माध्यम से दबाव बनाए, तो कुछ पानी मिलने की संभावना हो सकती है।