


राजस्थान सरकार ने रियल एस्टेट में पारदर्शिता बढ़ाने और खरीदारों को ठगी से बचाने के लिए रेरा (RERA) के नियमों को और सख्त कर दिया है। अब बिल्डर्स और प्रमोटर्स को समय पर निर्माण रिपोर्ट और आवश्यक प्रमाण पत्र नहीं देने पर भारी जुर्माना भरना होगा। ये नए नियम 1 मार्च से लागू होंगे।
बिल्डर्स और प्रमोटर्स के लिए कड़े प्रावधान:
निर्माण की रिपोर्ट न देने पर भारी जुर्माना:
- बुकिंग करने वालों को हर तीन महीने में निर्माण की प्रगति (QPR) रिपोर्ट देनी होगी।
- रिपोर्ट न देने पर 15,000 रुपये प्रति तिमाही का जुर्माना लगेगा (पहले 5,000 रुपये था)।
पूर्णता व अधिवास प्रमाण पत्र अनिवार्य:
- प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद पूर्णता (Completion) और अधिवास (Occupancy) प्रमाण पत्र जमा न करने पर 1,000 रुपये प्रतिदिन का जुर्माना लगेगा।
- अगर बिल्डर्स लगातार नियमों की अनदेखी करेंगे तो रेरा प्रोजेक्ट का टेकओवर भी कर सकेगी।
होटल प्रोजेक्ट्स भी रेरा के दायरे में:
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- अब होटल यूनिट्स बेचकर लीज पर लेने वाली योजनाओं को भी रेरा में रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा।
प्लॉटेड डवलपमेंट में पेयजल नक्शा अनिवार्य:

- अब भूमि योजनाओं में पेयजल आपूर्ति का नक्शा पूर्णता प्रमाण पत्र के साथ देना होगा, ताकि खरीदारों को पानी की उपलब्धता की पूरी जानकारी मिले।
इन मामलों में मिली राहत:
पुराने प्रोजेक्ट्स के लिए छूट:
- जिन बिल्डर्स ने रेरा में पंजीकरण नहीं कराया और अब प्रोजेक्ट पूरा हो गया है, वे 30 जून 2025 तक पंजीकरण करवा सकते हैं।
औद्योगिक योजनाओं में फीस कम:
- औद्योगिक योजनाओं के लिए फीस घटाकर 10 रुपये से 5 रुपये प्रति वर्गमीटर कर दी गई है।
सरकार का सख्त रुख:
राजस्थान रेरा ने स्पष्ट कर दिया है कि अब कोई भी बिल्डर नियमों की अनदेखी नहीं कर सकेगा। इससे प्रॉपर्टी खरीदारों को पारदर्शिता मिलेगी और फ्लैट/प्लॉट में देरी की समस्या कम होगी।