मुंबई: महाराष्ट्र सरकार ने लव जिहाद पर कानून बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए डीजीपी की अध्यक्षता में सात सदस्यीय समिति का गठन किया है। यह समिति कानूनी और तकनीकी पहलुओं की जांच कर एक व्यापक रिपोर्ट तैयार करेगी, जिसे आगे की कार्रवाई के लिए राज्य सरकार को प्रस्तुत किया जाएगा।
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समिति में कौन-कौन होगा शामिल?
इस समिति में डीजीपी (पुलिस महानिदेशक) के अलावा इन विभागों के अधिकारी शामिल होंगे:
- महिला एवं बाल कल्याण विभाग
- कानून और न्यायपालिका विभाग
- अल्पसंख्यक मामलों का विभाग
- सामाजिक न्याय और विशेष सहायता विभाग
- गृह विभाग का उप सचिव
क्या कहा सरकार ने?
सरकारी प्रस्ताव में कहा गया है कि विभिन्न संगठनों और नागरिकों की मांग पर यह निर्णय लिया गया है। देश के कुछ अन्य राज्यों में लव जिहाद और जबरन धर्मांतरण के खिलाफ कानून पहले से लागू हैं।
रिपोर्ट के लिए कोई समय सीमा नहीं
- समिति लव जिहाद के मामलों की गहन समीक्षा करेगी।
- रिपोर्ट तैयार करने के लिए कोई निश्चित समय सीमा नहीं रखी गई है।
सपा ने किया विरोध
- सपा नेता रईस शेख ने इस फैसले का विरोध करते हुए कहा कि सरकार के पास ऐसे मामलों के सांख्यिकीय सबूत नहीं हैं।
- उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार राजनीतिक फायदे के लिए इस मुद्दे का उपयोग कर रही है।
- शेख ने कहा कि पहले सरकार ने दावा किया था कि राज्य में एक लाख से ज्यादा लव जिहाद के मामले हैं, लेकिन पुलिस में ऐसा कोई दर्ज मामला नहीं मिला।
लंबे समय से कानून की मांग
- पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस काफी समय से लव जिहाद पर सख्त कानून बनाने की मांग कर रहे थे।
- उन्होंने पिछले विधानसभा चुनाव से पहले कहा था कि जबरन धर्मांतरण से संबंधित एक लाख से अधिक शिकायतें मिली हैं।