


केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने आईआईटीयन प्रशिक्षण केंद्र प्राइवेट लिमिटेड (आईआईटीपीके) पर भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित करने के लिए 3 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। संस्थान ने आईआईटी-जेईई परीक्षा के परिणामों को लेकर गलत दावे किए, जिससे छात्रों और अभिभावकों को गुमराह किया गया।
मुख्य कारण:
- राष्ट्रीय स्तर के टॉपर्स की गलत छवि: विज्ञापनों में छात्रों को आईआईटी और नीट टॉपर के रूप में प्रस्तुत किया गया, जबकि वे केवल संस्थान के टॉपर्स थे, राष्ट्रीय स्तर पर नहीं।
- आईआईटी रैंक के बारे में भ्रामक दावे: संस्थान ने दावा किया कि 21 वर्षों में 1384 छात्रों ने आईआईटी में प्रवेश लिया, लेकिन इन छात्रों में कई अन्य संस्थानों (आईआईआईटी, एनआईटी, बीआईटीएस आदि) में प्रवेश लेने वाले भी शामिल थे।
- सफलता दर के बढ़ा-चढ़ाकर किए गए दावे: विज्ञापनों में “61% सफलता अनुपात” जैसे दावे किए गए, लेकिन इनके समर्थन में कोई ठोस डेटा या प्रमाण नहीं था।
सीसीपीए की कार्रवाई:

- अब तक 46 कोचिंग संस्थानों को नोटिस जारी किए जा चुके हैं।
- 24 कोचिंग संस्थानों पर कुल 77.60 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
- संस्थानों को भ्रामक विज्ञापन न देने का निर्देश दिया गया है।
निष्कर्ष:
सीसीपीए ने स्पष्ट किया कि छात्रों को गुमराह करने वाले किसी भी भ्रामक विज्ञापन को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह कदम उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के तहत छात्रों के हितों की रक्षा के लिए उठाया गया है।