



महाकुंभ 2025 के दौरान प्रयागराज में आयोजित धर्म संसद में दो अहम प्रस्ताव पारित किए गए। इनमें से एक प्रस्ताव नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और दूसरा प्रस्ताव अमेरिकी प्रशासन के खिलाफ था। यह प्रस्ताव शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के शिविर में चल रही परम धर्म संसद में पारित हुआ।
राहुल गांधी ने हाल ही में लोकसभा में हाथरस गैंगरेप की घटना का जिक्र करते हुए एक बयान दिया था, जिसमें उन्होंने मनुस्मृति को लेकर विवादित टिप्पणी की थी। राहुल गांधी ने कहा था कि “जिसने गैंगरेप किया, वह बाहर घूम रहा है, जबकि लड़की का परिवार घर में बंद है।” इस पर धर्म संसद में आपत्ति जताई गई और राहुल गांधी पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने मनुस्मृति को लेकर असंवेदनशील बयान दिया है, जिससे लाखों हिंदू आस्थावानों की भावनाओं को ठेस पहुंची है।
धर्म संसद में यह प्रस्ताव पारित किया गया कि राहुल गांधी को एक महीने के भीतर अपने बयान पर अपना पक्ष प्रस्तुत करना होगा। यदि वह ऐसा नहीं करते, तो उन्हें हिंदू धर्म से बहिष्कृत करने का फैसला लिया जाएगा।

धर्म संसद में एक और प्रस्ताव पारित किया गया, जिसमें अमेरिकी प्रशासन के हिंदू धर्म के प्रति रवैये की आलोचना की गई। प्रस्ताव में कहा गया कि अमेरिका ने अवैध रूप से कुछ भारतीयों को देश से बाहर निकाला है, और भारतीय हिंदुओं को अमेरिकी प्रशासन द्वारा निषिद्ध भोजन परोसा जाना निंदनीय है।
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इन दोनों प्रस्तावों से जुड़ी प्रतिक्रियाओं को लेकर धर्म संसद ने यह स्पष्ट किया कि यह सिर्फ धार्मिक आस्थाओं की रक्षा के लिए उठाए गए कदम हैं, और समाज में किसी भी प्रकार की असहमति या आपत्ति को सही तरीके से हल किया जाएगा।