



भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने शुक्रवार को रेपो दर में 0.25% की कटौती करते हुए इसे 6.25% कर दिया। यह पिछले पांच वर्षों में पहली बार है जब RBI ने दरों में कमी की है। इससे पहले, मई 2020 में रेपो रेट 4% तक घटाई गई थी।
रेपो रेट में दो साल बाद बदलाव
मौजूदा समय में रेपो रेट 6.5% थी, जिसे अब घटाकर 6.25% किया गया है। बैंक ऑफ बड़ौदा की रिपोर्ट के अनुसार, इस कटौती से होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन की ईएमआई में कमी आ सकती है।
खपत को मिलेगा बढ़ावा
विशेषज्ञों के अनुसार, इस कटौती से उपभोक्ता खर्च को बढ़ावा मिलेगा। टैक्स विशेषज्ञ संजीव महेश्वरी का कहना है कि बैंक अपनी वित्तीय स्थिति के आधार पर ब्याज दरों में कटौती कर सकते हैं। हालांकि, सभी बैंक पूरी 0.25% की कटौती लागू करेंगे या नहीं, यह उनकी नीति पर निर्भर करेगा।

EMI पर असर
यदि कोई व्यक्ति 50 लाख रुपये का होम लोन 8.5% की दर से 20 वर्षों के लिए लेता है, तो मौजूदा EMI 43,391 रुपये होगी। नई दर 8.25% होने पर यह EMI घटकर 42,603 रुपये हो जाएगी, जिससे हर माह 788 रुपये और सालभर में 9,456 रुपये की बचत होगी। इसी तरह, 5 लाख रुपये के कार लोन पर EMI 11,282 रुपये से घटकर 11,149 रुपये हो जाएगी, जिससे सालाना 1,596 रुपये की बचत होगी।
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किन सेक्टर्स को होगा फायदा?
ब्रोकरेज फर्म मॉर्गन स्टैनली के अनुसार, ब्याज दरों में कटौती से ऊंची दरों पर कर्ज देने वाले संस्थानों को फायदा मिलेगा, जबकि हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों को नुकसान हो सकता है। बड़े एनबीएफसी को इस फैसले से सबसे अधिक लाभ होने की संभावना है।