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शेयर बाजार शुक्रवार को लगातार तीसरे दिन गिरावट के साथ बंद हुआ। बीएसई सेंसेक्स 197.97 अंक या 0.25 प्रतिशत गिरकर 77,860.19 अंक पर आ गया, जबकि कारोबार के दौरान यह 582.42 अंक तक गिरकर 77,475.74 के स्तर तक पहुंचा। एनएसई निफ्टी भी 43.40 अंक या 0.18 प्रतिशत की गिरावट के साथ 23,559.95 अंक पर बंद हुआ।
बाजार में उतार-चढ़ाव की यह स्थिति भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) द्वारा ब्याज दरों में 25 आधार अंकों की कटौती के बाद बनी रही। हालांकि, इस कटौती का बाजार पर कोई बड़ा प्रभाव नहीं पड़ा, क्योंकि निवेशकों ने विदेशी पूंजी निकासी के बीच मुनाफावसूली शुरू कर दी।
बड़ी गिरावट वाले शेयर
भारतीय स्टेट बैंक, अदाणी पोर्ट्स, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, आईसीआईसीआई बैंक, रिलायंस इंडस्ट्रीज और पावरग्रिड के शेयरों में कमजोरी देखने को मिली। आईटीसी के शेयर 2 प्रतिशत से अधिक टूटे, जिसका मुख्य कारण कंपनी के समेकित शुद्ध लाभ में आई 7.27 प्रतिशत की गिरावट रही।
मजबूती दिखाने वाले शेयर
कुछ शेयरों ने मजबूती भी दिखाई। टाटा स्टील के शेयर में 4 प्रतिशत से अधिक की बढ़त दर्ज हुई, जबकि भारती एयरटेल के शेयर 4 प्रतिशत चढ़ गए। कंपनी का शुद्ध लाभ पांच गुना बढ़कर 16,134.6 करोड़ रुपये हो गया, जिससे निवेशकों का भरोसा बढ़ा।
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विशेषज्ञों की राय
मेहता इक्विटीज लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रशांत तापसे के अनुसार, ब्याज दरों में कटौती से कोई अप्रत्याशित लाभ नहीं मिला, जिससे बाजार में कोई खास उछाल नहीं आया। विदेशी निवेशकों की मुनाफावसूली जारी रहने से बाजार में सतर्कता का माहौल बना हुआ है।

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर का कहना है कि व्यापक बाजार का प्रदर्शन कमजोर रहा, लेकिन धातु क्षेत्र में खरीदारी देखने को मिली।
आर्थिक दृष्टिकोण और वैश्विक संकेत
आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा के नेतृत्व में रेपो दर को 6.25 प्रतिशत कर दिया गया, जो मई 2020 के बाद पहली कटौती है। उन्होंने अनुमान जताया कि 2025-26 में भारतीय अर्थव्यवस्था 6.7 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी और मुद्रास्फीति 4.2 प्रतिशत तक घट सकती है।
वैश्विक बाजारों में भी मिश्रित रुझान रहा। एशियाई बाजारों में टोक्यो और सियोल में गिरावट देखी गई, जबकि शंघाई और हांगकांग में तेजी रही। यूरोपीय बाजारों में अधिकतर गिरावट रही। इस बीच, अमेरिकी बाजार गुरुवार को बढ़त के साथ बंद हुए।
एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने गुरुवार को 3,549.95 करोड़ रुपये मूल्य की इक्विटी बेची थी, जिससे बाजार पर दबाव बना रहा।