



अमेरिका से 104 भारतीय नागरिक निर्वासित, अमृतसर एयरपोर्ट पर पहुंचे
अमेरिका से 104 भारतीयों को लेकर एक अमेरिकी सैन्य विमान अमृतसर के श्री गुरु रामदास जी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरा। इन निर्वासितों में 30 पंजाब, 33-33 हरियाणा और गुजरात, 3-3 महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश, तथा 2 चंडीगढ़ के नागरिक शामिल हैं। इनमें 12 नाबालिग और 24 महिलाएं भी थीं।
अमेरिका का सख्त रुख – अवैध प्रवासियों को जगह नहीं
अमेरिकी दूतावास के प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका अपने आव्रजन कानूनों को सख्ती से लागू कर रहा है, और इस तरह की कार्रवाई से यह संदेश स्पष्ट होता है कि अवैध रूप से रहने वाले प्रवासियों को अमेरिका में स्थान नहीं दिया जाएगा। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के कार्यकाल में गिरफ्तारियों में वृद्धि हुई है, जिससे हिरासत केंद्रों की क्षमता अधिकतम सीमा तक पहुंच चुकी है।
पवन खेड़ा का हमला – “भारतीयों के साथ अपमानजनक व्यवहार”
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने अमेरिका द्वारा भारतीयों को निर्वासित करने के तरीके की कड़ी आलोचना की। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट करते हुए लिखा कि भारतीय नागरिकों को हथकड़ी लगाकर और अपमानित करके भेजा गया, जो दुखद और निंदनीय है। उन्होंने 2013 में भारतीय राजनयिक देवयानी खोबरागड़े के साथ हुए दुर्व्यवहार की याद दिलाते हुए कहा कि तब यूपीए सरकार ने अमेरिका को कड़ा संदेश दिया था।
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विदेश मंत्रालय (MEA) का बयान – “भारत अपने नागरिकों की वापसी सुनिश्चित करेगा”
भारत सरकार ने कहा कि अवैध अप्रवासन को बढ़ावा नहीं दिया जाएगा, लेकिन जो भारतीय विदेश में बिना दस्तावेजों के हैं और अपनी नागरिकता प्रमाणित कर सकते हैं, उन्हें भारत वापसी की सुविधा दी जाएगी।
‘डौंकी रूट’ से अमेरिका पहुंचे थे निर्वासित नागरिक
इन भारतीयों में से कई ‘डौंकी रूट’ (अवैध प्रवास मार्ग) के जरिए अमेरिका पहुंचे थे। एजेंट 35-40 लाख रुपये लेकर पनामा और मैक्सिको के रास्ते लोगों को अवैध रूप से अमेरिका पहुंचाते हैं। लेकिन इस जोखिम भरे सफर में कई प्रवासी भूख-प्यास से दम तोड़ देते हैं, और अमेरिका तक नहीं पहुंच पाते।