गुजरात में UCC लागू करने की तैयारी, 5 सदस्यीय समिति गठित, 45 दिनों में रिपोर्ट
गुजरात सरकार ने समान नागरिक संहिता (UCC) लागू करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने घोषणा की कि UCC का मसौदा तैयार करने और कानून बनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट की पूर्व न्यायाधीश रंजना देसाई की अध्यक्षता में एक 5 सदस्यीय समिति गठित की गई है। यह समिति 45 दिनों में अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपेगी, जिसके आधार पर आगे का निर्णय लिया जाएगा।
समिति के सदस्य
इस समिति में सुप्रीम कोर्ट की पूर्व न्यायाधीश रंजना देसाई के अलावा सेवानिवृत्त वरिष्ठ IAS अधिकारी सीएल मीना, अधिवक्ता आरसी कोडेकर, पूर्व कुलपति दक्षेश ठाकर और सामाजिक कार्यकर्ता गीता श्रॉफ शामिल हैं। समिति सभी पहलुओं पर गहन अध्ययन करके रिपोर्ट तैयार करेगी।
UCC लागू होने से बदलेंगे ये नियम
उत्तराखंड के बाद गुजरात UCC लागू करने वाला दूसरा राज्य बनने की ओर अग्रसर है। उत्तराखंड में लागू नियमों को देखते हुए अनुमान है कि गुजरात में भी समान बदलाव हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:
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- शादी और लिव-इन रिलेशनशिप के लिए पंजीकरण अनिवार्य होगा।
- शादी की न्यूनतम उम्र लड़कों के लिए 21 और लड़कियों के लिए 18 वर्ष होगी।
- बहुविवाह पर पूरी तरह से रोक लगाई जाएगी।
- बिना सहमति के धर्म परिवर्तन की स्थिति में प्रभावित व्यक्ति को तलाक और गुजारा भत्ता का अधिकार मिलेगा।
- विवाह, तलाक, गुजारा भत्ता और संपत्ति के मामलों में समान कानून लागू होगा।
- हलाला और इद्दत जैसी प्रथाओं को खत्म किया जाएगा।
- शादी या तलाक का पंजीकरण न कराने पर 25,000 रुपये तक का जुर्माना लग सकता है।
- विवाह पंजीकरण नहीं कराने पर सरकारी सुविधाओं से वंचित किया जा सकता है।
- पुरुषों और महिलाओं को तलाक के समान अधिकार मिलेंगे।
- लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वालों के लिए सरकारी वेब पोर्टल पर पंजीकरण अनिवार्य होगा।
- लिव-इन में जन्मे बच्चों को भी जैविक संतान के समान अधिकार प्राप्त होंगे।
गुजरात सरकार का कहना है कि यह कदम सभी नागरिकों को समान अधिकार देने और संविधान के मूल सिद्धांतों को लागू करने के लिए उठाया गया है। अब सबकी नजरें समिति की रिपोर्ट और सरकार के अगले कदम पर टिकी हैं।