



प्रयागराज में 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के दिन महाकुंभ के दौरान हुई भगदड़ की घटना की जांच के लिए गठित न्यायिक आयोग ने अपनी कार्यवाही शुरू कर दी है। आयोग में रिटायर्ड जज हर्ष कुमार, पूर्व डीजी वीके गुप्ता और रिटायर्ड आईएएस डीके सिंह शामिल हैं। शुक्रवार को आयोग की टीम ने संगम के घटनास्थल का निरीक्षण किया और मेला प्रशासन से जुड़े अधिकारियों से कड़े सवाल किए।

आयोग की कार्यवाही:
- घटनास्थल का निरीक्षण:
आयोग ने संगम क्षेत्र का दौरा किया और भगदड़ की घटना से जुड़ी जानकारी जुटाई। - मेला अधिकारियों से पूछे गए सवाल:
- भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा के लिए क्या तैयारियां की गई थीं?
- घटना संगम क्षेत्र के अलावा और कहां-कहां हुई?
- वायरल वीडियो और झूंसी में हुई घटनाओं की सच्चाई क्या है?
- सीसीटीवी फुटेज और भीड़ नियंत्रण योजना का विवरण क्या है?
सूत्रों के अनुसार, मेला अधिकारी इन सवालों के संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए।
- घायलों से मुलाकात:
आयोग ने अस्पताल में भर्ती घायल श्रद्धालुओं से मुलाकात की और घटना के बारे में जानकारी ली।
मेला प्रशासन की चुनौतियां:
- भीड़ प्रबंधन में कमी:
आयोग ने सवाल उठाया कि यदि सब कुछ ठीक था, तो भगदड़ कैसे हुई? - सीसीटीवी फुटेज की कमी:
आयोग ने सीसीटीवी फुटेज और भीड़ नियंत्रण योजना का विवरण मांगा, लेकिन अधिकारी पूरी जानकारी नहीं दे सके।
आयोग के प्रमुख सवाल:
- भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा के लिए क्या तैयारियां की गई थीं?
- घटना संगम क्षेत्र के अलावा और कहां-कहां हुई?
- वायरल वीडियो और झूंसी में हुई घटनाओं की सच्चाई क्या है?
- सीसीटीवी फुटेज और भीड़ नियंत्रण योजना का विवरण क्या है?