



भारत सरकार 1 फरवरी को केंद्रीय बजट 2025 पेश करने जा रही है। बजट की घोषणा से पहले इसकी जानकारी क्यों गुप्त रखी जाती है और बजट लीक होने पर क्या दंडात्मक प्रावधान होते हैं, यह एक महत्वपूर्ण सवाल है।
क्यों जरूरी है बजट की गोपनीयता?
- आर्थिक अस्थिरता से बचाव: बजट में घोषित योजनाओं और बदलावों से अर्थव्यवस्था पर व्यापक असर पड़ता है। अगर इन घोषणाओं का पूर्वानुमान मिल जाए, तो इसका फायदा कुछ विशेष लोगों या निवेशकों को हो सकता है, जो इसका गलत फायदा उठा सकते हैं। इससे शेयर बाजार में अस्थिरता आ सकती है।
- महंगाई पर नियंत्रण: यदि टैक्स या सब्सिडी में बदलाव का पूर्व अनुमान लग जाए, तो व्यापारी और उत्पादक कीमतों को पहले से बढ़ा सकते हैं, जिससे महंगाई नियंत्रण योजना पर असर पड़ेगा।
केंद्रीय बजट कब लीक हुआ था?
- 1947 में ब्रिटिश सरकार की गलती से लीक: भारत का पहला बजट ब्रिटिश वित्त मंत्री की गलती से लीक हो गया था। बजट की जानकारी ब्रिटेन में ही लीक हो गई, जिसके बाद वित्त मंत्री को इस्तीफा देना पड़ा।
- 1950 में लीक हुआ बजट और वित्त मंत्री का इस्तीफा: 1950 में जॉन मथई के तहत बजट लीक हुआ, जिसके चलते मथई को इस्तीफा देना पड़ा। इस घटना के बाद भारत में बजट की सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा किया गया।
कैसे सुरक्षित रखा जाता है बजट?
- Advertisement -

- सुरक्षा बलों की तैनाती: बजट की तैयारी से लेकर उसकी छपाई तक सुरक्षा के लिए केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) और खुफिया विभाग (IB) की तैनाती की जाती है।
- क्वारैंटाइन प्रक्रिया: बजट से जुड़े अधिकारियों को क्वारैंटाइन किया जाता है, ताकि वे बाहर न जा सकें और किसी से संपर्क न कर सकें।
बजट लीक करने पर क्या दंड है?
बजट से जुड़ी जानकारी लीक करना गंभीर अपराध माना जाता है और इसके लिए आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम और राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत सजा के प्रावधान हैं। दोषी पाए जाने पर कड़ी सजा हो सकती है।
निष्कर्ष: केंद्रीय बजट की गोपनीयता इसलिए महत्वपूर्ण है ताकि किसी भी तरह की आर्थिक अस्थिरता से बचा जा सके और सरकार की योजनाओं को प्रभावी तरीके से लागू किया जा सके।