



महाकुंभ मेला में मंगलवार रात मौनी अमावस्या स्नान से पहले संगम तट पर मची भगदड़ ने सभी को हिलाकर रख दिया। इस घटना में 17 लोगों की जान चली गई और कई लोग घायल हो गए। कांग्रेस और सपा के कई नेताओं ने घटना पर चिंता जाहिर की है और राज्य सरकार की तैयारियों पर सवाल उठाए हैं।
भगदड़ के कारणों को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, घटना का मुख्य कारण प्रशासन की लापरवाही थी। संगम तट पर जाने और लौटने के लिए केवल एक रास्ता था, जिससे हजारों लोगों की भीड़ बेकाबू हो गई। एक व्यक्ति ने बताया, “भीड़ बढ़ने के बावजूद प्रशासन ने वैकल्पिक रास्ते नहीं खोले, जिससे घबराहट में लोग इधर-उधर भागने लगे और भगदड़ मच गई।”
कुछ लोगों का मानना है कि इस भगदड़ के पीछे कोई साजिश भी हो सकती है। कुशीनगर की एक महिला श्रद्धालु ने बताया, “हम संगम जा रहे थे और 10 लड़के बैरिकेडिंग कूदकर महिलाओं से धक्का-मुक्की करने लगे, जिसके बाद भगदड़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई। हमारे साथ 20 लोग थे, जिनमें से दो लोग लापता हैं।”

श्रद्धालुओं का कहना है कि पुलिस और सुरक्षा बल हादसे के समय मौके से पीछे हट गए थे। एक प्रत्यक्षदर्शी ने कहा, “पुलिस ने स्थिति को गंभीरता से न लेते हुए बैरिकेडिंग छोड़ दी और इसके बाद लोग घबराहट में भागने लगे, जिससे भगदड़ मच गई।”
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वहीं, विपक्षी दलों ने योगी सरकार की तैयारियों पर सवाल उठाए हैं और इसे प्रशासनिक विफलता करार दिया है। कांग्रेस और अन्य नेताओं ने इसे साजिश बताते हुए मामले की जांच की मांग की है।